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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 26 जून। छत्तीसगढ़ के विधायक और मंत्री दोनों लंबे समय तक रह चुके अजय चंद्राकर तीखा बोलते हैं। अभी उन्होंने दोपहर को ट्विटर पर छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतीक चिन्ह, जिसमें देश का त्रिमूर्ति वाला राजचिन्ह भी शामिल है, उसकी तस्वीर के साथ गोबर की फोटो पोस्ट की है, और लिखा है कि छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजचिन्ह को बदलकर गोबर को राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए, राज्य में नरवा, गरवा, घुरवा, और बारी की अपार सफलता और राज्य की अर्थव्यवस्था में गोबर के महत्व को देखते हुए...
कल ही छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकार की तरफ से गोबर खरीदने की घोषणा की है।
अब इस मामले में दो दिक्कतें हैं, अजय चंद्राकर पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री भी रहे हैं, और आज सरकार की गोबर-खरीदी योजना पंचायत स्तर पर लोगों को फायदा देने वाली है। दूसरी तरफ अजय चंद्राकर की भारतीय जनता पार्टी गाय, गोबर, और गोमूत्र की महत्ता को लगातार स्थापित करते आई है, और गोबर का ऐसा मजाक उड़ाना उनकी पार्टी की नीति के खिलाफ भी है। फिर देश में राजचिन्ह को लेकर उसके सम्मान के कुछ नियम हैं, और आज एफआईआर के जमाने में कोई राजचिन्ह के अपमान को लेकर थाने पहुंच जाए, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। वैसे तो अजय चंद्राकर अभी एक कोरोना पॉजिटिव विधायक के संपर्क में आने के बाद 14 दिन के आइसोलेशन पर घर में ही हैं (उम्मीद की जाती है), और ऐसे में गोबर तो उनके लिए मददगार होना चाहिए, उसका मजाक उड़ाना ठीक नहीं है।