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अपोलो व आरबी हॉस्पिटल का दावा, न तो उन्हें कोई प्रस्ताव मिला है न ही राशि की मांग की गई
आर बी हॉस्पिटल में कोरोना टेस्ट की सारी सुविधा उपलब्ध, शासन चाहे तो शुरू करने तैयार
राजेश अग्रवाल
बिलासपुर, 18 जून ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। कोरोना के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास अभी बेड की कमी नहीं है, इसलिए निजी अस्पतालों से कोई चर्चा नहीं की गई है। शहर के दो बड़े निजी अस्पतालों में से एक अपोलो का कहना है कि हमने अपनी ओर से कोरोना पीडि़तों के इलाज के लिए तैयारी कर रखी है। दूसरे अस्पताल आर बी हॉस्पिटल का कहना है कि उनका लैब कोरोना टेस्ट के लिए पूरी तरह तैयार है। दोनों ही अस्पताल प्रबंधकों का कहना है कि उन्हें शासन से अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है और न ही हमारी तरफ से राशि की कोई मांग भेजी गई है।
यह सवाल लगातार उठ रहा है कि कोरोना महामारी में मदद के लिए निजी अस्पताल आगे क्यों नहीं आ रहे हैं। कुछ रिपोर्ट यह भी आ रही है कि जब उनसे सम्पर्क किया जा रहा है तो वे शासन से भारी-भरकम राशि की मांग कर रहे हैं, जिसकी वजह से बात नहीं बन पा रही है। बिलासपुर व आसपास के जिलों के अति गंभीर आकस्मिक बीमारी से पीडि़त मरीजों, घायलों के लिए उपलब्ध अपोलो हॉस्पिटल के बारे में तो यह भी खबर सामने आई कि उन्होंने कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए 8 करोड़ रुपए की मांग की है। इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव निहारिक बारिक से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल को अभी कोरोना इलाज के लिए नहीं कहा गया है न ही अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई राशि ही मांगी गई है। बिलासपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है कि निजी अस्पतालों से सिर्फ उनके यहां उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी ली गई है। अभी उनसे सहयोग लेने की जरूरत नहीं है। संभागीय कोविड अस्पताल में 100 बिस्तर हैं, इसके अलावा रेलवे अस्पताल में 75 बिस्तर ऐहतियातन लिए गए हैं। जिले में अभी संक्रमित मरीजों की संख्या 39 है और कुछ अन्य जिलों से आए मरीजों का उपचार हो रहा है। ऐसे में हमारे पास अभी बिस्तरों की जरूरत नहीं है। क्या अपोलो अस्पताल को कोरोना के इलाज के लिए लिया जायेगा? डॉ. महाजन ने कहा कि आगे भी यह अस्पताल हमारी प्राथमिकता में नहीं है क्योंकि हार्ट, कैंसर और जटिल ऑपरेशन के मरीज यहीं पहुंचते हैं।
अपोलो अस्पताल के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सजल सेन का कहना है कि जब कोरोना के इलाज की कोई सुविधा नहीं थी तब जिले की पहली मरीज महिला की हमने ही भर्ती की थी और उसे स्वस्थ करके घर भेजा था। उसका इलाज हमने नि:शुल्क किया और आज तक इसका कोई भी बिल हमने नहीं भेजा है।
यह पूछने पर कि यह बात सामने आ रही है कि आपने इलाज के लिये करोड़ों रुपये की मांग की है, डॉ. सेन ने कहा कि यह बात पूरी तरह गलत है। हमसे शासन की ओर से किसी ने सम्पर्क ही नहीं किया है, फिर राशि की बात कहां से आयेगी। यदि कभी कोरोना के इलाज शुरू करने के लिये कहा गया तो बाकी गंभीर मरीजों को हटाना होगा और मापदंड के अनुसार पूरे अस्पताल को सिर्फ कोरोना के लिये रखना होगा। हमने अपनी ओर से इस समय बंद चल रहे नर्सिंग कॉलेज में चार बेड आपात् स्थिति में कोरोना मरीजों के उपचार के लिये तैयार रखे हैं जिसे जरूरत पडऩे पर आठ तक बढ़ाया जा सकता है। वैसे भी अपोलो अस्पताल की बिल्डिंग एसईसीएल की है। एसईसीएल ही तय करके हमें बतायेगी कि क्या वे इसे कोरोना अस्पताल में तब्दील करना चाहती है।
शासन कहे, हम कोरोना टेस्ट आज से शुरू कर देंगे- आरबी
शहर में दूसरा सबसे बड़ा निजी अस्पताल स्वर्ण जयंती नगर स्थित आर बी हॉस्पिटल है। इसके डायरेक्टर डॉ. आर पी मिश्रा ने बताया कि अस्पताल को कोरोना के इलाज तथा टेस्ट लैब खोलने के लिये चिकित्सा शिक्षा संचालक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आकर देख चुके हैं। हमें इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अस्पताल को देखने के बाद उनकी ओर से न तो कोई प्रस्ताव आया है न ही हमारी ओर से कोई राशि मांगी गई है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि काफी दिनों से बिलासपुर में कोरोना टेस्ट लैब की मांग की जा रही है। जिन उपकरणों और स्टाफ की कमी के कारण सिम्स में टेस्ट शुरू नहीं हो पा रहा है, वह सब हमारे यहां पहले से उपलब्ध है। हमें लैब में कुछ सुधार के लिये अधिकारियों ने कहा था, जो कर दी गई है। इसके आगे कुछ नहीं हुआ है। हम आज से लैब शुरू करने और टेस्ट करने के लिए तैयार हैं। शासन यदि कोरोना टेस्ट किट उपलब्ध करा दे तो हम काफी कम खर्च में रिपोर्ट तैयार कर लेंगे। यह हमें पता नहीं है कि टेस्ट लैब होने के बावजूद शासन ने हमसे सम्पर्क क्यों नहीं किया। हमारी तरफ से अभी रुपए-पैसों की कोई बात नहीं हुई है। डॉ. मिश्रा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलैब आदि को सामान्य मरीजों के लिए खोलने का आदेश दिया गया है लेकिन यदि लैब, क्लीनिक संचालक इसके लिए तैयार भी हो जायें तो स्टॉफ को संतुष्ट होना होगा कि जो मरीज आया है उसमें कोरोना वायरस नहीं है। ऐसे मरीजों को कोरोना टेस्ट कराना जरूरी है जो बिलासपुर में तत्काल शुरू होना चाहिए।