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जिला स्तर पर निराकरण के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने सुझाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर/ नई दिल्ली,12 दिसंबर। कांकेर जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र में एक्सपायरी दवा जलाने के बाद धुएं से स्कूली बच्चों के बीमार होने का मामला शुक्रवार को लोकसभा में उठा। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार से मांग की है कि देश के सभी जिलों में एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने का सुझाव दिया, जहां एक्सपायर हो चुकी दवाईयों को डिस्पोज किया जा सके।
श्री अग्रवाल ने सदन में बताया कि कांकेर जिले के एक सब हेल्थ सेंटर ने लापरवाहीपूर्वक एक्सपायर हो चुकी दवाओं का स्टॉक जला दिया, जिससे जहरीला धुआं पास के स्कूल में फैल गया। नतीजा यह रहा कि धुएं की वजह से कई स्कूली बच्चों को चक्कर आने, और सांस लेने में दिक्कत हुई।
उन्होंने सदन में बताया कि एक्सपायर हो चुकी दवाईयों के रेगुलर तौर पर सीवेज सिस्टम, खेदी की जमीन और खुले गड्ढों में फेंक दिया जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरीके से जहरीले कैमिकल निकलते हैं, जो मिट्टी और ग्राउंड वाटर दोनों को प्रदूषित करते हैं। सांसद ने बताया कि एक्सपायर हो चुकी दवाइयों को खुले गड्ढों या सिवरेज में फेंका जा रहा है, जो हमारी रिसोर्स को जहरीला बना रहे। उन्होंने कांकेर जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एक मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का सुझाव दिया। सांसद ने यह भी कहा कि नए अस्पतालों के लिए मंजूरी इस शर्त पर की जाए कि मेडिकल वेस्ट के साथ-साथ दवाइयों की डिस्पोजल की सुविधाएं भी मौजूद हों, जिला स्तर पर एक अधोसंरचना तैयार किया जाए।


