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14वें मंत्री की नियुक्ति पर को-वारंटो याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा-पीआईएल लगाएं
12-Dec-2025 12:20 PM
14वें मंत्री की नियुक्ति पर को-वारंटो याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा-पीआईएल लगाएं

पहले से लंबित याचिका के साथ सुनी जाएगी नई जनहित याचिका

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 12 दिसंबर। छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल में 14वें मंत्री की नियुक्ति को चुनौती देने के लिए दायर को-वारंटो याचिका पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई से इंकार कर दिया। कांग्रेस नेता और संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला द्वारा दायर इस याचिका को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले से ही एक जनहित याचिका लंबित है, इसलिए हस्तक्षेप केवल पीआईएल के माध्यम से ही किया जा सकता है।

अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि को-वारंटो रिट पर सुनवाई संभव नहीं है। यदि वे इस मामले में पक्ष रखना चाहते हैं, तो नई जनहित याचिका प्रस्तुत करें, जिसे मौजूदा पीआईएल के साथ संलग्न कर सुना जाएगा। विदित हो कि रायपुर के सामाजिक कार्यकर्ता वासु चक्रवर्ती ने मंत्री संख्या सीमा का उल्लंघन बताते हुए पहले ही एक जनहित याचिका दायर की है, जो हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

कांग्रेस की ओर से दायर नई याचिका में 11 से बढ़ाकर 14 मंत्री बनाने पर आपत्ति दर्ज की गई थी। इससे पहले भी इसी विषय पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि इस संबंध में दायर किसी भी नई याचिका को पुरानी याचिका के साथ जोड़कर ही आगे बढ़ाया जाएगा।
मालूम हो कि संविधान के अनुच्छेद 164(1ए) के अनुसार किसी भी राज्य में मंत्री परिषद की संख्या राज्य विधानसभा की कुल सीटों के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधायक हैं, जिसके अनुसार मंत्रियों की अधिकतम संख्या 13.5 यानी 13 तय होती है। इसी आधार पर 14वें मंत्री की नियुक्ति को नियमों के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है और कांग्रेस इस पर आपत्ति जता रही है।

भाजपा ने इसका बचाव करते हुए हरियाणा मॉडल का हवाला दिया है, परंतु विपक्ष का दावा है कि संवैधानिक सीमा स्पष्ट है और 14वें मंत्री की नियुक्ति इसी सीमा से ऊपर जाकर की गई है।


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