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भारत में मुसलमानों की स्थिति को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के बयान पर जेडीयू नेता नीरज कुमार ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा, “यह हिंदुस्तान है और यहां की जम्हूरियत इतनी सुरक्षित और संरक्षित है कि आप न्यूयॉर्क जा रहे हैं. ज़रा माननीय नीतीश कुमार की ओर नज़रें तो इनायत कर लीजिए, फ़ैज़ान मुस्तफ़ा चाणक्या लॉ इंस्टीट्यूट के वाइस चांसलर हैं, जो देश में मानक माना जा रहा है. मौलाना मजरउल अरबी फ़ारसी विश्वविद्यालय, डॉ. मोहम्मद आलमगीर बिहार में वाइस चांसलर हैं.”
"तो जम्हूरियत है संविधान है, सभी धर्म के लोगों, हर जाति के लोगों को काम करने का अधिकार है.”
मौलाना अरशद मदनी ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था, “हिंदुस्तान के अंदर किसी मुस्लिम यूनिवर्सिटी का कोई आदमी वाइस चांसलर नहीं बन सकता. और बनेगा तो आज़म ख़ान की तरह जेल के अंदर जाएगा."
इस पर बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया आई थी और इसे ‘मुसलमानों को गुमराह’ वाला बताया.
बीजेपी नेता शाहनावज़ हुसैन ने कहा, “उनका बयान ग़ैरज़िम्मेदाराना है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद भारत की आज़ादी में शामिल रहा, उनसे ये उम्मीद नहीं थी कि वो इस तरह का बयान देंगे.”
उन्होंने कहा, “उनको ये मालूम होना चाहिए कि भारत का मुसलमान भारत का राष्ट्रपति बन सकता है, क्रिकेट, हॉकी का कैप्टन बन सकता है, भारत का मुसलमान चीफ़ जस्टिस बन सकता है, वो एयर चीफ़ मार्शल बन सकता है, भारत का मुसलमान हर वो पद पा सकता है जो भारत के संविधान ने उसे अधिकार दिया है.”
उन्होंने कहा, “मौलाना अरशद मदनी को मुल्क को बदनाम करने का कोई हक़ नहीं है, उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए.” (bbc.com/hindi)


