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पुलिस में जीरो कट और क्लीन शेव का कोई नियम नहीं
आरटीआई में दिया जवाब
छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 23 नवंबर । छत्तीसगढ़ पुलिस ने स्पष्ट किया है कि उसके अधिकारी कर्मचारियों को जीरो कट बाल और क्लीन शेव रखने संबंधी कोई आदेश नहीं है। न ही पुलिस के प्रशासन शाखा या उप शाखा के किसी अभिलेख में भी लिखित नहीं है। यानी कहा जा रहा है कि पुलिस अधिकारी कर्मचारी लंबे बाल और दाढ़ी बढ़ाकर रख सकते हैं।
यह खुलासा, आरटीआई के तहत पीएचक्यू द्वारा दी गई जानकारी में हुआ है।
संयुक्त पुलिस कर्मचारी एवं परिवार कल्याण संघ के अध्यक्ष उज्जवल दीवान ने 13 अक्टूबर को आरटीआई आवेदन लगाया था। 12 नवंबर को दिए जवाब में एआईजी अंशुमान सिसोदिया ने यह जानकारी दी।
उज्जवल दीवान ने बताया कि सन 1861 से अब तक अंग्रेजों के दमनकारी नीतियों की वजह से पुलिस कर्मचारियों का लगातार शोषण होता आया है। अंग्रेज तो भारत देश छोड़ कर चले गए परन्तु अंग्रेजों के फर्जी नियमों को थोपने वाले आज भी भारत देश में रह रहे हैं। पुलिस विभाग में कार्यरत बहुत से कर्मचारियों को बाल जीरो कट नहीं करने और दाढ़ी नहीं बनाने की वजह से अनुशासनहीनता बता कर उनके सेवा पुस्तिका में सजा दे दी गई है और जवानों को सजा देने वाले अधिकारियों को खुद ही नियमों का ज्ञान नहीं था।, सिर्फ पुरानी प्रचलित बातों के आधार पर आज तक चले आ रहे हैं जो कि जवानों के प्रति अधिकारियों के द्वारा किये जाने वाले अन्याय का साक्षात उदाहरण है। इस समय हर मंगलवार और शुक्रवार को बाल जीरो कट करना अनिवार्य कर दिया गया। इसलिए जवानों को कई जगहों पर अपमानित भी होना पड़ता है।
दीवान ने कहा कि अब अंग्रेजों के द्वारा बनाए गए गुलामी की प्रथा बदलने का समय आ चुका है जवान अपने हक के प्रति लगातार जागरूक हो रहे हैं अब वह दिन दूर नहीं है जब पुलिस विभाग में भी सभी को बराबर का अधिकार मिलेगा और सभी को समान नजर से देखा जाएगा।


