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हुब्बली (कर्नाटक), 22 नवंबर। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को दावा किया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के मध्य सत्ता को लेकर कथित खींचतान के बीच राज्य में कांग्रेस विधायकों की "खरीद-फरोख्त" जारी है।
जोशी ने यह भी दावा किया कि बेंगलुरु केंद्रीय जेल में बंद विधायक विनय कुलकर्णी और के सी वीरेंद्र से शिवकुमार की मुलाकात का मकसद उनका समर्थन हासिल करना था।
जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस में अंदरूनी खींचतान जारी है। सिद्धरमैया मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ना चाहते और शिवकुमार नहीं चाहते कि सिद्धरमैया मुख्यमंत्री बने रहें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति के कारण, दोनों खेमे विधायकों की खरीद फरोख्त की कोशिश कर रहे हैं। आपने देखा होगा कि शिवकुमार विधायकों से मिलने, उनका समर्थन मांगने और जो भी कीमत हो, उसे चुकाने के लिए जेल गए थे।’’
जोशी के अनुसार, स्थिति ऐसी हो गई है कि कांग्रेस विधायकों की "खरीद-फरोख्त" जारी है। कर्नाटक में प्रशासन "जारी सत्ता की खींचतान के कारण ध्वस्त हो गया है।’’
केंद्रीय मंत्री जोशी ने दावा किया, ‘‘राज्य में कुप्रबंधन देखा जा रहा है, क्योंकि अधिक बारिश और खराब सड़क आधारभूत अवसंरचना से उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने वाला कोई नहीं है।’’
उन्होंने बेंगलुरु पुलिस की भी आलोचना की, जो कभी दिल्ली और मुंबई के बराबर मानी जाती थी और कहा कि “दिनदहाड़े लूट अब आम बात हो गई है।” हालांकि उन्होंने इस पर विस्तार से कुछ नहीं कहा।
जोशी ने आरोप लगाया, “राजनीतिक अस्थिरता, दिशा और मार्गदर्शन की कमी, और नौकरशाही पर नियंत्रण नहीं होने के कारण प्रशासन पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। यह गहरे संकट में है।”
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गए उस पत्र पर जिसमें 17.94 लाख मीट्रिक टन मक्का आयात के कारण मक्का की कीमतों में गिरावट का हवाला दिया गया है, जोशी ने कहा कि यह आंकड़े गलत हैं।
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने 17.94 लाख टन मक्का आयात के बारे में बात की है। लोगों द्वारा गलत जानकारी दी जा रही है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री सही जानकारी लिये बिना आंकड़े साझा कर रहे हैं। पिछली बार, गन्ना आंदोलन के दौरान भी उन्होंने यही किया था और जब मैंने जवाब दिया, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।”
जोशी ने कहा कि दो साल पहले उन्होंने कहा था कि कम गन्ना उत्पादन के कारण 9.5 लाख मीट्रिक टन गन्ना आयात हुआ था।
उन्होंने दावा किया, “इस बार कोई आयात नहीं हुआ है। केवल 50,000 से 1 लाख टन मक्का आयात हुआ, क्योंकि भारत मक्का का निर्यात भी करता है। इस बार जब हम अधिक निर्यात और कम आयात कर रहे हैं, तो वह (मुख्यमंत्री) जो कह रहे हैं वह सब फर्जी बातें हैं।” (भाषा)


