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छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 21 नवंबर। छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश सीमा पर 18 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा की मौत पर शोक जताने वाली सोशल मीडिया पोस्ट के बाद विवादों में घिरीं युवक कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव एवं गोरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की नेत्री प्रीति मांझी ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वे और उनकी पार्टी गांधीवादी विचारधारा की अनुयायी हैं तथा नक्सलवाद और हिंसा का पुरजोर विरोध करती हैं।
प्रीति मांझी ने गुरुवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक स्टोरी/पोस्ट शेयर की थी, जिसमें हिड़मा की मौत पर दुख जताते हुए लिखा गया था कि गरीबी-बेरोजगारी की वजह से कई युवा नक्सलवाद की राह पकड़ लेते हैं और विकास, शिक्षा व रोजगार पर ध्यान देकर इस समस्या का समाधान करना चाहिए। पोस्ट में लाल सलाम लिखी एक एआई जनरेटेड इमेज भी थी, जिसके बाद इसे नक्सलियों के प्रति सहानुभूति के रूप में देखा जाने लगा और सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना शुरू हो गई।
विवाद बढ़ने पर प्रीति मांझी ने आज सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ की बेटी हूं। हिड़मा की मौत पर मेरा दुख व्यक्तिगत है। मैंने कोई पोस्ट नहीं की, सिर्फ एक स्टोरी शेयर की थी जिसमें लाल सलाम वाली एआई कटिंग थी। मैं गांधीवादी विचारधारा की हूं, संविधान में पूरा विश्वास रखती हूं। नक्सलियों का मैं पुरजोर विरोध करती हूं और उनका समर्थन बिल्कुल नहीं करती। झीरम घाटी में हमारे कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं की जिस तरह हत्या हुई, उसका मैं आजीवन विरोध करती रहूंगी।
उन्होंने आगे कहा कि मैं चाहती हूं कि नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो। जो नक्सली हथियार उठाए हुए हैं, वे हथियार डालें, मुख्यधारा में आएं, संविधान का पालन करें और देश की उन्नति में हम सबके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। जो नक्सली समर्पण करना चाहते हैं, उन्हें मौका मिलना चाहिए। अगर हिड़मा की मां का आरोप है कि लोगों को पकड़कर मारा गया, तो यह गैर-संवैधानिक है। कांग्रेस पार्टी हमेशा हथियार छोड़ने वालों का स्वागत करती है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेडुमिल्ली जंगल में ग्रेहाउंड फोर्स और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने 18 नवंबर को बड़ी कार्रवाई की थी। इसमें पीएलजीए बटालियन-1 के कमांडर हिड़मा, उसकी पत्नी माड़वी राजे सहित छह नक्सली मारे गए। हिड़मा पर एक करोड़ का इनाम था और वह दंतेवाड़ा (2010), झीरम घाटी (2013), सुकमा-बीजापुर (2021) समेत दर्जनों बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 30 नवंबर की डेडलाइन से 12 दिन पहले ही सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली।
प्रीति मांझी को इसी साल जुलाई महीने में कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था और झारखंड का प्रभार दिया गया है।



