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कलेक्टर को ज्ञापन, जल्द सुधार नहीं हुआ तो समितियों के सामने आंदोलन की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 नवंबर। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होने के बावजूद जिले के उपार्जन केंद्रों में अव्यवस्था का माहौल बना हुआ है। कई समितियों में ताले लटके हैं, किसान टोकन के लिए चक्कर काट रहे हैं और कई गांवों में अब तक ऑनलाइन पंजीयन तक नहीं हो पाया है। इस अव्यवस्था को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में बुधवार को प्रदर्शन किया गया। एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर स्थिति सुधारने की मांग की। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि व्यवस्था जल्द नहीं सुधरी तो खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों के धान खरीदी को लेकर गंभीर नहीं है। खरीदी शुरू होने से पहले ही समिति प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए, लेकिन सरकार ने इसे रोकने की कोई कोशिश नहीं की। इससे साफ है कि सरकार किसानों का धान खरीदने से बच रही है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जिले के अधिकांश खरीदी केंद्रों में तालाबंदी की स्थिति है। किसान धान की मिंसाई करवाकर ट्रैक्टर और वाहनों में भरकर केंद्रों तक पहुंच रहे हैं, लेकिन खरीदार न होने से वापस लौटने मजबूर हैं। इससे किसानों पर अतिरिक्त भाड़े का बोझ बढ़ गया है और फसल सुरक्षा की समस्या भी खड़ी हो गई है।
इधर, मस्तूरी क्षेत्र के केंवटाडीह समेत कई गांवों के किसानों का ऑनलाइन पंजीयन ही नहीं हो पाया है।
ऐसे किसान धान बेचने के लिए भटक रहे हैं और समर्थन मूल्य का लाभ पाने से वंचित हैं।
कांग्रेस ने मांग की कि सरकार ऐसे किसानों के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करे।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि खरीदी केंद्रों में किसानों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं। कांग्रेस सरकार के समय जहां छांव, बैठने की व्यवस्था और पीने का पानी उपलब्ध था, वहां अब कुछ भी नजर नहीं आ रहा। किसानों की यह उपेक्षा कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मांग की कि जल्द से जल्द खरीदी केंद्रों की अव्यवस्थाएं दूर कराई जाएं।
अन्यथा कांग्रेस किसानों के साथ समितियों में धरना-प्रदर्शन शुरू करेगी और जिला स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा।


