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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 19 नवंबर। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने बुधवार को 7 जिलों में छापेमारी की। आरआई पदोन्नति परीक्षा-2024 में धांधली की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। यह छापेमारी 20 ठिकानों में की गई।
मंत्रालय में पदस्थ एक अधिकारी के चौरसिया कॉलोनी रायपुर स्थित घर समेत पटवारी से आरआई बने कर्मचारियों के रायपुर, महासमुंद, गरियाबंद, बेमेतरा, जगदलपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर में यह कार्रवाई की गई है। इनमें अंबिकापुर में 4, जगदलपुर में 3 रायपुर में 10 ठिकाने शामिल हैं। रायपुर में कचना स्थित शासकीय कॉलोनी के मकान नंबर जी 3/10 में भी जांच की।
इस दौरान उक्त परीक्षा से संबंधित दस्तावेजी और डिजिटल सुबूत बरामद किए जा रहे हैं।
फिलहाल किसी की भी गिरफ्तारी की सूचना नहीं है। इस कार्रवाई पर ईओडब्ल्यू देर शाम तक अधिकृत बयान जारी कर विस्तृत जानकारी देगा।
90 पटवारी, आरआई बने थे, 22 को एक ही कमरे में बिठाकर परीक्षा दिलवाई गई थी।
कांग्रेस सरकार की विदाई और भाजपा के सत्तारूढ़ होने के बीच की अवधि में पटवारी से राजस्व निरीक्षक के पद पर पदोन्नति में गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। यह मामला विधानसभा के बीते बजट और मानसून सत्रों में जमकर उठा था। पक्ष विपक्ष के विधायकों की घेरेबंदी के बाद राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने सदन समिति, सीबीआई से जांच की मांग खारिज कर पहले जीएडी की कमेटी और फिर ईओडब्ल्यू से जांच कराने की घोषणा की थी। इस मामले की ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज कर जीएडी कमेटी की रिपोर्ट के अध्ययन के बाद आज यह छापेमारी की है।
पटवारी से राजस्व निरीक्षक के 90 रिक्त पदों पर पदोन्नति परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत हुई थी। यह बात भी सामने आई है कि चयनित 22 विशेष अभ्यर्थियों को एक ही कमरे में बिठाकर परीक्षा ली गई और फिर चयन किया गया। इन विशेष लोगों ने पदोन्नति के लिए रिश्वत के रूप में बड़ी रकम अपने वरिष्ठ अफसरों को दी थी। इन्हें पेपर लीक भी किए गए थे। शिकायत आने के बाद 23 अगस्त 2024 को 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी।
इस जांच कमेटी में विशेष सचिव खाद्य केडी कुंजाम, उपसचिव डॉ. फरिहाआलम सिद्दीकी उपसचिव के अलावा अजय कुमार त्रिपाठी, अंशिका ऋषि पाण्डेय और राकेश साहू थे। कमेटी से 15 दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन मांगा गया था। जांच रिपोर्ट में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है, और कमेटी ने प्रकरण की विस्तृत जांच की जरूरत बताई है।
सामान्य प्रशासन विभाग से इस पूरे मामले की मुख्य तकनीकी परीक्षक, और ईओडब्ल्यू-एसीबी से जांच कराने की सिफारिश की गई है। सिफारिश में कहा गया है कि इसमें तकनीकी विशेषज्ञों से जांच कराने की जरूरत बताई गई है।


