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ईडी की कार्रवाई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर,13 नवंबर। ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल पर बड़ी कार्रवाई की है । ईडी ने चैतन्य के हक वाली करीब 61.20 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। इनमें 364 भूखंड भी शामिल हैं।चैतन्य ढाई हजार करोड़ के शराब घोटाले में 16 जुलाई से गिरफ्तार है। कल ही उसकी न्यायिक रिमांड 26 नवंबर तक बढ़ा दी गई है। इस घोटाले में अब तक अन्य आरोपियों की कुल 276.20 करोड़ की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि चैतन्य की कुर्क की गई संपत्तियों में 59.96 करोड़ रुपये मूल्य की 364 आवासीय भूखंडों और कृषि भूमि बैंक बैलेंस और एफडी के रूप में 1.24 करोड़ शामिल हैं। ईडी के अनुसार छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसीबी-ईओडब्ल्यू, रायपुर, छत्तीसगढ़ द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर ईडी ने जाँच शुरू की। पुलिस जाँच से पता चला है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और अनुसूचित अपराधों से अर्जित 25 सौ करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय (पीओसी) लाभार्थियों को मिली।
पीएमएलए के तहत की गई जाँच से पता चला है कि भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल शराब सिंडिकेट के शीर्ष पर थे। मुख्यमंत्री के बेटे होने के नाते, उन्हें शराब सिंडिकेट का नियंत्रक और अंतिम लाभार्थी बनाया गया था। सिंडिकेट द्वारा एकत्रित सभी अवैध धन का हिसाब (हिसाब) रखने की जि़म्मेदारी उन्हीं की थी। इस धन के संग्रह, चैनलाइज़ेशन और वितरण (पीओसी) से संबंधित सभी बड़े फैसले उनके निर्देशों के तहत लिए जाते थे।
ईडी की जाँच में यह भी पता चला कि वह पीओसी का प्राप्तकर्ता था, जिसे उसने अपने रियल एस्टेट व्यवसाय में शामिल किया और बेदाग संपत्ति के रूप में पेश किया। चैतन्य बघेल ने शराब घोटाले से प्राप्त पीओसी का इस्तेमाल अपनी स्वामित्व वाली कंपनी मेसर्स बघेल डेवलपर्स के तहत अपनी रियल एस्टेट परियोजना वि_ल ग्रीन के विकास के लिए किया। चैतन्य बघेल को ईडी ने 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तार किया और वर्तमान में न्यायिक हिरासत में है।
इससे पहले इस मामले में अनिल टुटेजा (पूर्व आईएएस), अरविंद सिंह, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनवर ढेबर, अरुण पति त्रिपाठी (आईटीएस) और कवासी लखमा (विधायक और तत्कालीन आबकारी मंत्री) को ईडी ने गिरफ्तार किया था। यह उल्लेख करना उचित है कि 61.20 करोड़ रुपये की वर्तमान कुर्की, लगभग 215 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों की पूर्व में की गई कुर्की की अगली कड़ी है।


