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मिशन हॉस्पिटल जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, यथास्थिति बरकरार रखें
13-Nov-2025 1:16 PM
मिशन हॉस्पिटल जमीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट का आदेश, यथास्थिति बरकरार रखें

आदेश के पहले ही नगर-निगम ने तोड़फोड़ कर गिराए बचे हुए मकान   

छत्तीसगढ़' संवाददाता

बिलासपुर, 13 नवंबर । सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर के चर्चित मिशन हॉस्पिटल जमीन विवाद मामले में महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश जारी करते हुए हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा है कि विवादित जमीन और उस पर मौजूद निर्माण की वर्तमान स्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा। न नया निर्माण होगा, न तोड़फोड़, और न ही कोई भी पक्ष कब्जे में बदलाव कर सकेगा।

क्रिश्चियन वीमेंस बोर्ड ऑफ मिशन के डायरेक्टर नितिन लॉरेंस और उनके सहयोगियों ने प्रशासन द्वारा जमीन की लीज न बढ़ाने पर पहले हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में अपील खारिज होने के बाद उन्होंने 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका लगाई। बुधवार की सुनवाई में उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिलासपुर के चांटापारा स्थित प्लॉट नंबर 20 और 21 उन्हें 1959 की भूमि राजस्व संहिता की धारा 158(3) के तहत दिए गए थे। इसके समर्थन में उन्होंने 1925-26 के मिसल बंदोबस्त की कॉपी भी पेश की। याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि वे 1882 से धार्मिक, शैक्षिक और सामाजिक सेवा कर रहे हैं, ऐसे में उन्हें अचानक बेदखल करना अनुचित है।

कोर्ट के यथास्थिति वाले आदेश के बाद अब नगर निगम न तो कैंपस में किसी तरह की कार्रवाई कर सकेगा और न ही यहां से हटाए जा चुके लोग जबरन कब्जा ले पाएंगे। यानी दोनों पक्ष मौजूदा स्थिति को जस का तस बनाए रखने के लिए बाध्य होंगे। आदेश के पहले ही वहां निर्मित ढांचों को नगर-निगम ने ढहा दिया था। इनमें कई परिवार रहते थे। मिशन अस्पताल की बिल्डिंग पहले ही गिराई जा चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमे के दौरान किसी भी पक्ष को भूमि या संपत्ति की वर्तमान स्थिति में बदलाव करने की अनुमति नहीं होती।

 


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