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कोलकाता, 12 नवंबर। करोड़ों रुपये के स्कूल नौकरी घोटाले में तीन साल तीन महीने जेल में बिताने वाले पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बुधवार को कहा कि “जीवन अभी खत्म नहीं हुआ है” और पार्टी से निलंबन के बावजूद वह हमेशा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता बने रहेंगे।
चटर्जी ने कहा कि वह सार्वजनिक जीवन में लौटने से पहले अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजनीति उनके खून में है और “टीएमसी के प्रति वफादारी ही उनके पतन का कारण बनी”।
चटर्जी को विशेष केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने सोमवार को जमानत दी थी।
उन्होंने बांग्ला समाचार चैनल ‘एबीपी-आनंदा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “जिंदगी यहां खत्म नहीं हुई है। मेरा पहला काम अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति पुनः प्राप्त करना और अपने निर्वाचन क्षेत्र बेहाला पश्चिम के लोगों से फिर से जुड़ना है। जैसे मछली पानी के बिना नहीं रह सकती, वैसे ही मैं राजनीति के बिना नहीं रह सकता।”
चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था। नेता ने दावा किया कि उन्हें टीएमसी से कभी आधिकारिक निलंबन पत्र नहीं मिला। उन्होंने दृढ़ता से कहा, “पार्टी मेरे साथ न हो, पर मैं अब भी पार्टी के साथ हूं।”
उन्होंने ममता बनर्जी को अपनी नेता बताते हुए कहा, “मैंने पूरी जिंदगी उनका अनुसरण किया है। वह मेरी नेता रहेंगी।”
उन्होंने कहा, “अभिषेक (बनर्जी) भविष्य के लिए स्वाभाविक पसंद हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।” हालांकि, चटर्जी ने स्वीकार किया कि पार्टी और उसके नेतृत्व के प्रति उनकी “वफ़ादारी” ही अंततः उनकी बर्बादी का कारण बनी। उन्होंने भावुक होकर कहा, “मेरा पतन मेरी वफ़ादारी के कारण हुआ है”।
पूर्व मंत्री ने अपनी दोस्त अर्पिता मुखर्जी से संबंध पर पूछे गए सवाल पर कहा, “अर्पिता मेरी दोस्त है। मेरी पत्नी का निधन हो चुका है, क्या मेरा कोई दोस्त नहीं हो सकता?”
भ्रष्टाचार के आरोपों पर चटर्जी ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में 51 विश्वविद्यालय और 8,000 स्कूल बने। (भाषा)


