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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 सितंबर। कृषकों को शासन द्वारा निर्धारित दर पर गुणवत्तापूर्ण कृषि आदान उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग लगातार निरीक्षण कर रहा है। नियम विरुद्ध कारोबार करने वाले कृषि केंद्रों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
उप संचालक कृषि बिलासपुर ने बताया कि मेसर्स गीतांजली कृषि सेवा केंद्र, बरद्वार (कोटा) का औचक निरीक्षण किया गया था। पहले से जारी प्रतिबंध के बावजूद संस्थान द्वारा 26 बोरी यूरिया बिना अनुमति के बेचा गया। साथ ही स्टॉक पंजी का संधारण नहीं किया गया और बिना फार्म-ओ के जैविक उर्वरकों का विक्रय पाया गया। इसके चलते केंद्र का उर्वरक विक्रय लाइसेंस 21 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया।
इसी तरह मेसर्स रात्रे कृषि केंद्र, बिल्हा के निरीक्षण में बिना पॉश मशीन के यूरिया का विक्रय, स्टॉक पंजी संधारण न करना, स्कंध व मूल्य सूची प्रदर्शित न करना और निर्धारित प्रारूप में बिल जारी न करना पाया गया। मौके से 113 बोरी यूरिया खाद जब्त की गई। जवाब प्रस्तुत न करने पर इनके लाइसेंस को भी 21 दिनों के लिए निलंबित किया गया है।
इसके अलावा मेसर्स ओम कृषि केंद्र, रतनपुर में भी गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। यहां बिना प्रिंसिपल सर्टिफिकेट के दवाइयों का भंडारण-विक्रय, अनुज्ञप्ति प्रदर्शित न करना, स्कंध पंजी न रखना और मासिक प्रतिवेदन न भेजने की बातें सामने आईं। स्पष्टीकरण न देने और लगातार कीटनाशक अधिनियम 1968 व नियम 1971 का उल्लंघन करने पर इनका कीटनाशक प्राधिकार पत्र भी 21 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
उप संचालक कृषि ने जिले के सभी पंजीकृत आदान विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि वे केवल उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 और कीटनाशक अधिनियम 1968 के प्रावधानों का पालन करें। किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।