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दिल्ली दंगों में उमर ख़ालिद समेत अन्य अभियुक्तों की ज़मानत याचिकाएं ख़ारिज होने पर सांसद महुआ मोइत्रा ने प्रतिक्रिया दी है.
तृणमूल कांग्रेस से सांसद महुआ ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया.
इसमें उन्होंने लिखा, “दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 साल की क़ैद के बाद उमर ख़ालिद और अन्य अभियुक्तों को ज़मानत देने से इनकार कर दिया है. इस मामले में अभी तक कोई ख़ास कार्रवाई हुई नहीं है.”
उन्होंने लिखा, “न्याय का सबसे घिनौना उपहास. अब हमें सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई करनी होगी.”
उनके इस पोस्ट पर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर पी सिंह ने भी जवाब दिया.
उन्होंने लिखा, “महुआ मोइत्रा को दंगों के अभियुक्तों उमर ख़ालिद और अन्य लोगों से सहानुभूति है, लेकिन दिल्ली दंगों में जिन लोगों ने अपनी जान और घर गंवाया है उनसे नहीं.”
“कोर्ट ने सभी सबूतों की जांच के बाद ज़मानत की याचिकाएं ख़ारिज की हैं. मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और पीड़ितों के लिए न्याय से समझौता नहीं होना चाहिए.” (bbc.com/hindi)