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कवर्धा में क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला..
05-Sep-2025 9:44 PM
कवर्धा में क्षेत्रीय फोरेंसिक प्रयोगशाला..

शनिवार को उद्घाटन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 5 सितंबर। छत्तीसगढ़ की अपराध जांच व्यवस्था अब और वैज्ञानिक होगी। कबीरधाम जिले में प्रदेश की पाँचवीं क्षेत्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (फोरेंसिक लैब) की शुरुआत 6 सितंबर को होने जा रही है। इस प्रयोगशाला की स्थापना मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के नेतृत्व और उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के विशेष प्रयासों से संभव हुई है। शुभारंभ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा मुख्य अतिथि होंगे, जबकि सांसद राजनांदगांव संतोष पांडे कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी।

नई फोरेंसिक लैब के शुरू होने से हत्या, डकैती, बलात्कार, साइबर क्राइम, नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों की जांच और तेज तथा सटीक हो सकेगी। आधुनिक उपकरणों से लैस यह प्रयोगशाला डीएनए, फिंगरप्रिंट, हथियार, गोली-बारूद और नशीले पदार्थों जैसे सूक्ष्म साक्ष्यों का परीक्षण करेगी। इससे पुलिस को रिपोर्ट जल्दी मिलेगी, अदालतों में सुनवाई में देरी नहीं होगी और अपराधियों को समय पर सजा मिल पाएगी। कबीरधाम में खुल रही यह लैब सिर्फ जिले तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बेमेतरा, खैरागढ़-छुईखदान-मंडई और मुंगेली जैसे आसपास के जिलों को भी इसका लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश में न्याय व्यवस्था और अपराध जांच की गति और पारदर्शिता दोनों बढ़ेंगी।

 

शर्मा ने बताया कि सरकार का लक्ष्य कानून-व्यवस्था को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। राज्य की प्रयोगशालाओं को आधुनिक मशीनों से सुसज्जित किया गया है और यहाँ पुलिस विभाग के अलावा आबकारी, वन विभाग, एसीबी, एफओडब्ल्यू तथा सीबीआई, ईडी, डीआरआई, एनसीबी और आईबी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के मामलों की भी जांच की जाएगी। जिला स्तर पर सीन ऑफ क्राइम यूनिटों की स्थापना और वैज्ञानिक अधिकारियों की तैनाती पहले ही की जा चुकी है। अब कबीरधाम प्रयोगशाला के खुलने से इनकी क्षमता और बढ़ेगी तथा विवेचकों को मौके पर ही वैज्ञानिक मदद मिल सकेगी। कबीरधाम की यह फोरेंसिक लैब न सिर्फ एक नया संस्थान है, बल्कि पूरे इलाके को त्वरित और वैज्ञानिक न्याय दिलाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।


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