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नेशनल सरोगेसी बोर्ड की बैठक, जायसवाल ने उम्र सीमा पर पुर्नविचार करने की मांग रखी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 18 जुलाई । केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा की अध्यक्षता में नेशनल एआरटी ऐंड सेरोगेसी एक्ट 2021 के तहत छठवें नेशनल एआरटी ऐंड सेरोगेसी बोर्ड की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई। यह बोर्ड , संतानहीन माता पिता को किराए की कोख से बच्चे के जन्म की अनुमति देता है।
बोर्ड के सदस्य के रूप में छत्तीसगढ़ , चंडीगढ़, तमिलनाडु एवं तेलगांना राज्य शामिल हैं। छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, सचिव अमित कटारिया तथा आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ प्रियंका शुक्ला बैठक में उपस्थित रहीं।
बोर्ड की बैठक में तीन अहम मुद्दों को सर्व सहमति से पारित किया गया। इसके तहत देश के अंदर या बाहर भ्रूण/युग्मक के अंतरण के अनुमति हेतु 884 मामलों के प्रकरणों को स्वीकृति दी गई। इसके साथ ही भारतीय मूल के दंपत्ति (ओसीआई) के 14 मामलों में अधिनियम के तहत सरोगसी हेतु स्वीकृति दी गई। एक अन्य मामले में एक केंद्र से दूसरे केंद्र में क्रायोप्रिजर्व के सामूहिक हस्तांतरण (केंद्र के बंद होने के कारण) के तीन प्रकरणों में स्वीकृति दी गई।
मंत्री जायसवाल ने बैठक में एक अहम सुझाव देते सरोगेसी के लिए अधिनियम में निर्धारित उम्र सीमा पर पुर्नविचार कर एक्ट में संशोधन किये जाने की बात कही। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने इसकी सराहना की गई।
बैठक में नड्डा ने एआरटी एवं सेरोगेसी एक्ट को मानवता के विकास के कदम में एक आवश्यक कदम बताया। उन्होंने बैठक में कहा कि आज जो एजेंडा पारित हुए हैं उससे समाज को लाभ मिलेगा।