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साइबर विशेषज्ञ की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा– कब तक होगा फैसला?
15-Jul-2025 1:36 PM
साइबर विशेषज्ञ की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछा– कब तक होगा फैसला?

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 15 जुलाई। छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की जांच करने वाले विशेषज्ञ की अब तक नियुक्ति नहीं हुई है। इस मुद्दे को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।

सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस विभू दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार के वकील से सीधे पूछा कि ऐसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति कब तक होगी? केंद्र सरकार के वकील रमाकांत मिश्रा ने बताया कि प्रक्रिया में तीन चरण हैं। फोरेंसिक लैब व इनसे जुड़े अन्य दो चरणों की यह पूरी प्रक्रिया सितंबर 2025 तक पूरी होने की संभावना है।

इस मौके पर चीफ जस्टिस सिन्हा ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि अगर आपने समाज की भलाई के लिए संस्था बनाई है और उसके प्रमुख की नियुक्ति में इतनी जटिलताएं हैं, तो फिर फायदा क्या? ऐसे तो पूरी प्रक्रिया अधूरी ही रह जाएगी। यह याचिका शिरीन मालेवर ने वकील रुद्र प्रताप दुबे और गौतम खेत्रपाल के माध्यम से दायर की है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि देश भर में 16 जगहों पर साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति हो चुकी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक एक भी नियुक्ति नहीं हुई है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत राज्य में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य परीक्षक की नियुक्ति जरूरी है।

केंद्र की तरफ से यह भी बताया गया कि राज्य सरकार के अनुरोध पर एक टीम ने साइबर फॉरेंसिक लैब का निरीक्षण किया था और कुछ कमियां बताई थीं। अब वे कमियां दूर कर ली गई हैं और पहला चरण पूरा हो चुका है, बाकी दो चरणों के बाद नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अदालत ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, और ऐसे मामलों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की जांच के लिए विशेषज्ञ की जरूरत अब बेहद जरूरी हो चुकी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस पर गंभीरता से विचार कर जल्द फैसला लेने को कहा है।


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