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विस्थापितों को मुआवजा देने में पुराना, रोजगार देने में नया नियम दिखाया जा रहा- जयसिंह
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 14 जुलाई। पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल शनिवार को कोरबा के जटराज और कुसमुंडा खनन क्षेत्र पहुंचे। वहां उन्होंने खनन से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनकी परेशानियां सुनीं और भरोसा दिलाया कि वे समस्या को हल कराने की पूरी कोशिश करेंगे।
अग्रवाल ने इमलीछापर इलाके में मकान तोड़े जाने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बारिश के बीच 11 परिवारों के मकान गिरा दिए गए, अब ये लोग किराये के घरों में या किसी के यहां शरण लिए हुए हैं। उन्होंने एसईसीएल पर आरोप लगाया कि कंपनी स्थानीय पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर लोगों पर दबाव बना रही है। न रोजगार दिया गया, न मुआवजा पूरा हुआ, न पुनर्वास की सही व्यवस्था की गई। इसके बावजूद लोगों को जबरदस्ती उजाड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुसमुंडा खदान से प्रभावित जटराज गांव की जमीन 2009-10 में अधिग्रहित की गई थी, अब उस पर कब्जा लिया जा रहा है। मुआवजा पुराने नियम से दिया जा रहा है लेकिन रोजगार देने में नया नियम दिखाया जा रहा है। एसईसीएल ने पहले गांव वालों के लिए पुनर्वास की बात कही थी, लेकिन आज भी लोग भटक रहे हैं।
इमली छापर में जिनके घर तोड़े गए, उनमें सिंधु जायसवाल नाम की महिला ने बताया कि उन्हें कहा गया था कि 2 महीने में नया घर देंगे, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। उनके परिवार में कमाने वाला भी कोई नहीं है। बारिश में किराये के मकान में रहना भारी पड़ रहा है।
पूर्व मंत्री ने प्रशासन और एसईसीएल पर कोयला और डीजल चोरी का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खान क्षेत्र में करोड़ों की चोरी हो रही है लेकिन पुलिस-प्रशासन कुछ नहीं कर पा रहा।
उन्होंने केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे के हालिया बयान पर भी निशाना साधा। अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ने गेवरा खदान दौरे में कहा था कि जरूरत पड़े तो जंगल भी काटकर कोयला उत्पादन बढ़ाया जाएगा। यह बहुत गलत सोच है। जंगलों को बचाने की बात करनी चाहिए, काटने की नहीं।
जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि वे प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।