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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 12 जुलाई। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दो नाबालिग लड़कियों से दुष्कर्म के मामले में 9 दोषियों को राहत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने सभी की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है।
मामला बलौदाबाजार जिले का है। 30 मई 2020 की रात आरोपी कमलेश ने अपने साथी गोपी के साथ मिलकर दो नाबालिग लड़कियों को फोन कर घर के बाहर बुलाया और बाइक से अमेरा गांव ले गया। वहां श्मशान घाट के पास दोनों के साथ गलत हरकतें की गईं। लौटते वक्त केसला गेट के पास बाकी आरोपी भी मिल गए। सभी ने मिलकर दोनों लड़कियों के साथ गैंगरेप किया। इस दौरान राजेंद्र ने पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया और बाद में यह वीडियो पीयूष वर्मा को दे दिया गया।
स्पेशल कोर्ट एट्रोसिटी बलौदा बाजार ने 10 मार्च 2021 को सभी 9 आरोपियों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सभी की अपीलें खारिज कर दीं।
अजय वर्मा उर्फ छोटू, शिवम वर्मा उर्फ मोनू और जगन्नाथ यादव उर्फ मोलू को रास्ता रोकने के मामले में एक माह की सजा दी गई है। राजेंद्र डहरिया, उकेश डहरिया, सोहन ध्रुव और बाकी आरोपियों को गैंगरेप, अपहरण, धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत उम्रकैद की सजा मिली है। राजेंद्र को IT एक्ट में भी दोषी पाया गया। पीयूष वर्मा को अश्लील वीडियो रखने और पॉक्सो एक्ट के तहत सजा दी गई है।