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एक साथ 22 आबकारी अफसर निलंबित, गिरफ्तारी की तलवार
10-Jul-2025 4:50 PM
एक साथ 22 आबकारी अफसर  निलंबित, गिरफ्तारी की तलवार

कांग्रेसकाल में हुए तीन हजार करोड़ के शराब घोटाले में संलिप्त रहे हैं
 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 10 जुलाई।
सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र से पहले राज्य सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस शासनकाल में हुए 3 हजार करोड़ से अधिक के शराब घोटाले में राज्य में पहली बार 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें से अधिकांश घोटालाकाल में जिला आबकारी अधिकारी के रूप में कई जिलों में पदस्थ रहे हैं। इन सभी के नाम ईओडब्ल्यू, और ईडी के चालान में भी शामिल हैं। निलंबित अधिकारियों में उपायुक्त आबकारी अनिमेश नेताम दुर्ग, अरविंद पाटले नवा रायपुर, नीतू नोतानी नवा रायपुर, नोहर सिंह ठाकुर बिलासपुर, विजय सेन शर्मा अंबिकापुर भी शामिल हैं। इनके अलावा मोहित कुमार जायसवाल नवा रायपुर, जीपीएस दर्दी नांदगांव, इकबाल अहमद खान दंतेवाड़ा, जर्नादन सिंह कौरव राज्य उडऩदस्ता रायपुर, नितिन खंडुजा बेमेतरा, प्रमोद कुमार नेताम बेमेतरा, विकास गोस्वामी अंबिकापुर, नवीन प्रताप सिंह तोमर नवा रायपुर, राजेश जायसवाल मुंगेली, मंजूश्री कसेर बेवरेज कॉर्पोरेशन, दिनकर वासनिक नवारायपुर, आशीष कोसम जगदलपुर, सौरभ बख्शी नवा रायपुर, प्रकाश पाल राज्य उडऩदस्ता, रामकृष्ण मिश्रा उपायुक्त कार्यालय रायपुर, अलेख राम सिदार जांजगीर, श्रीमती सोनल नेताम बिलाईगढ़ शामिल हैं। इन सभी को 20 अगस्त को कोर्ट में भी पेश होना है। उससे पहले इन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। 

 

तीन दिन पहले 7 जुलाई को 29 आबकारी अधिकारियों पर चार्जशीट पेश करने के बाद राज्य शासन ने यह कार्रवाई की है। 7 अधिकारी रिटायर हो गए हैं। और एक की मृत्यु हो गई है।

इन अधिकारियों पर  चार्जशीट में आरोप है कि इन्होंने 2019 से 2023 के बीच 15 जिलों में पदस्थापना के दौरान 90 करोड़ रुपए कमीशनखोरी की है। उस दौरान शराब घोटाला करने राज्य के जिलों को 8 जोन में बांटा गया था। जोन के हिसाब से डिस्टलरी को शराब सप्लाई का काम दिया गया था। अवैध शराब की बिक्री के लिए 15 जिलों को टारगेट किया गया था। इसमें रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, रायगढ़, मुंगेली, महासमुंद, कोरबा, कवर्धा, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, दुर्ग, धमतरी, बेमेतरा, बलौदाबाजार और बालोद जिले को शामिल किया गया था। इन जिलों में पोस्टिंग के लिए भी खूब बोली लगाई गई। इस दौरान 15 जिलों में 29 अधिकारियों की पोस्टिंग हुई। शराब की बोतल में 32 करोड़ डुप्लीकेट होलोग्राम का उपयोग किया गया है। 2020 से 2022 तक नोएडा से प्रिज्म होलोग्राम की फैक्ट्री से 4014 पेटी डुप्लीकेट होलोग्राम रायपुर भेजा गया। इसमें 32.11 करोड़ डुप्लीकेट होलोग्राम था। फिर इस होलोग्राम को डिस्टलरी में भेजा गया, जहां बॉटलिंग हो रही थी। नवा रायपुर जीएसटी भवन के नीचे 5 करोड़ नकली होलोग्राम प्रिंट किया गया। 

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि 2023 के विधानसभा चुनाव में आबकारी विभाग से बड़ी फंडिंग एक पार्टी को हुई। फंडिंग के लिए रकम जुटाने की जिम्मेदारी आबकारी उपायुक्त दिनकर वासनिक, नवीन प्रताप सिंह तोमर, विकास गोस्वामी, नीतू नोतानी और इकबाल खान को थी। इन अफसरों ने ही चुनाव के पहले जिलों में अपनी पसंद के अधिकारियों की पोस्टिंग कराई। फिर चुनाव फंड की वसूली की। यहां तक चुनाव में उम्मीदवारों को बांटने के लिए शराब भी उपलब्ध कराई गई। दिनकर वासनिक का नाम झारखंड शराब घोटाले में भी आया है। दिनकर आईटीएस अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर झारखंड में शराब का पूरा कारोबार देख रहे थे। एजेंसी ने इसकी भी जांच शुरू कर दी है।


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