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दर्जन भर नक्सलियों का समर्पण, 9 पर साढ़े 28 लाख का ईनाम
09-Jul-2025 8:55 PM
दर्जन भर नक्सलियों का समर्पण, 9 पर साढ़े 28 लाख का ईनाम

अब तक हजार से अधिक नक्सलियों का समर्पण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दंतेवाड़ा, 9 जुलाई। दंतेवाड़ा पुलिस की विशेष पहल घर वापस आईये अभियान अंतर्गत बुधवार को पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, उप महानिरीक्षक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल राकेश चौधरी और पुलिस अधीक्षक गौरव राय के समक्ष एक दर्जन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें से 9 नक्सलियों पर 28.50 लाख रुपए का ईनाम था। 

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक गौरव राय ने मीडिया को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डीवीसीएम/ डीएकेएमएस चंद्रन्ना पुनेम ने आत्मसमर्पण किया। उक्त लीडर बीजापुर जिला अंतर्गत गंगालूर थाना के अंतर्गत पुसनार का निवासी हैं। प्रदेश सरकार द्वारा उक्त नक्सली पर 8 लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।

नक्सली संगठन के कंपनी - 10 के डीवीसीएम अमित उर्फ हिंगा बुरसू ने घर वापसी की। इस नक्सली लीडर पर 8 लाख रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था।
महिला नक्सली लीडर अरुणा लेकाम पति अमित ने भी घर वापसी की। उक्त लीडर बीजापुर जिला अंतर्गत जांगला थाना के छोटे तुंगाली की निवासी है। यह नक्सली संगठन में एसीएम/ डीके मेडिकल टीम सदस्य के तौर पर कार्यरत थी। राज्य शासन द्वारा इस लीडर पर 5 लाख रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था।

प्लाटून - 32 के  पीपीसीएम/ सेक्शन कमांडर देवा कोवासी ने भी मुख्यधारा में जुडऩे का फैसला लिया। देवा बीजापुर जिला अंतर्गत गंगालूर थाना के एंड्री का निवासी है। शासन द्वारा इस नक्सली तीन लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।

भैरमगढ़ के बोडगा -आरपीसी  डीएकेएमएस अध्यक्ष राजेश मरकाम ने आत्मसमर्पण किया। यह नक्सली बीजापुर अंतर्गत भैरम गढ़ के बोडगा के कोडोली का निवासी है। शासन द्वारा इस नक्सली पर 2 लाख रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।

भैरम गढ़ एरिया कमेटी सदस्य पायके ओयाम द्वारा भी आत्मसमर्पण किया गया। यह नक्सली बीजापुर जिला अंतर्गत मिरतुर थाना अंतर्गत थाना अंतर्गत चेरली कोकोडी की निवासी है। इस नक्सली पर एक लाख रुपए का पुरस्कार घोषित किया गया था।

जिया कोडता आरपीसी, चेतना नाट्य मंडली, सदस्य कोसा सोढ़ी द्वारा भी द्वारा भी घर वापसी की गई। इस नक्सली पर 50 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित था।

महेश लेकाम, और राजू करटाम द्वारा भी घर वापसी की गई। उक्त नक्सलियों पोटेनार आरपीसी,चेतना नाट्य मंडली सदस्य की रूप में सक्रिय थे।उक्त नक्सली बीजापुर जिला अंतर्गत जांगला थाना के छोटे तुंगाली के निवासी हैं। उक्त दोनों पर 50 हजार रुपए पुरस्कार घोषित था।

इसी क्रम में हिरमे कोवासी, जीबू उर्फ रोशन और अनिल लेकाम ने भी घर वापसी की।

उन्होंने बताया कि 30 वर्षों से माओवादी संगठन में सक्रिय माओवादी चंद्रन्ना पुनेम तारलागुड़ा, जांगला, बिरियाभूमि, तडक़ेल, हिंगुम, तिमेनार, पोर्रोवाड़ा और कोरचोली के जंगल में हुई मुठभेड़ और बारूदी सुरंग विस्फोट जैसे बड़ी घटनाओं में शामिल था। वहीं नक्सली देवा कवासी के खिलाफ पुलिस शिविर और पुलिस दल पर गोलीबारी करने का आरोप है।

अधिकारियों ने आगे बताया कि अन्य नक्सलियों पर नक्सली बंद के दौरान सडक़ खोदने, पेड़ काटने, नक्सली बैनर, पोस्टर लगाने जैसी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि 2020 में शुरू हुए लोन वर्राटू (अपने घर/गांव वापस लौटो) अभियान में अब तक 249 ईनामी नक्सली समेत 1005 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर के 813 पुरुष और 192 महिला नक्सली शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि दी गई है। उन्हें अन्य सुविधाएं जैसे कौशल विकास प्रशिक्षण और कृषि भूमि मुहैया कराई जाएगी।


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