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रायपुर, 9 जुलाई। बहुचर्चित तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने एक और बड़ी गिरफ्तारी की है। फुलबगड़ी प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक राजशेखर पुराणिक को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजशेखर पर आरोप है कि उसने वर्ष 2021-22 के दौरान संग्राहकों को दी जाने वाली 7 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि के गबन में भूमिका निभाई थी। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने इसी मामले में तत्कालीन वनमंडलाधिकारी अशोक कुमार पटेल सहित 11 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनमें 4 वनकर्मी और 7 लघुवनोपज समिति के प्रबंधक/सहयोगी शामिल हैं। अब कुल गिरफ्तारियों की संख्या 12 हो चुकी है। गंभीर भ्रष्टाचार का मामला, करोड़ों की राशि का गबन जांच में सामने आया है कि तत्कालीन DFO अशोक कुमार पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने अधीनस्थ अधिकारियों, लघुवनोपज समिति प्रबंधकों और पोषक अधिकारियों के साथ मिलकर 7 करोड़ रुपये की बोनस राशि में बड़ा वित्तीय बंदरबांट किया। यह राशि तेंदूपत्ता संग्राहकों को दी जानी थी, लेकिन उसे योजनाबद्ध तरीके से हड़प लिया गया। अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपी वन विभाग के अधिकारी/कर्मी – चैतूराम बघेल (उप वनक्षेत्रपाल) देवनाथ भारद्वाज (उप वनक्षेत्रपाल) पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा (उप वनक्षेत्रपाल) मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक) लघुवनोपज समिति के प्रबंधक/सहयोगी – मनोज कवासी पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु मोहम्मद शरीफ सी.एच. रमना (चिटूरी) सुनील नुप्पो रवि कुमार गुप्ता आयतू कोरसा नवीन गिरफ्तार – राजशेखर पुराणिक, समिति प्रबंधक, प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति फुलबगड़ी (साथ ही पर्यवेक्षक प्रबंध संचालक कार्यालय, जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन मर्यादित, सुकमा) जांच अभी जारी, और गिरफ्तारी संभव ईओडब्ल्यू अधिकारियों के अनुसार, जांच में और भी कई नाम सामने आ सकते हैं। दस्तावेजी सबूत, बैंक लेनदेन और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। इसमें सिंडिकेट बनाकर संग्राहकों के बोनस में कटौती और राशि का व्यक्तिगत लाभ हेतु उपयोग किया गया है।