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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जांजगीर-चांपा, 7 जुलाई। जिले में लगातार हो रही बारिश ने अमरताल गांव के धान संग्रहण केंद्र को पूरी तरह से पानी में डुबो दिया है। यहां रखे गए करीब 4 लाख क्विंटल धान भीगकर अंकुरित और सड़ने लगे हैं, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है।
बताया जा रहा है कि शासन ने जिले में करीब 63 लाख क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की थी। इस धान का मिलिंग कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका, और अमरताल केंद्र में खुले में ही बड़ी मात्रा में धान रख दिया गया था। पिछले एक हफ्ते से हो रही लगातार बारिश से यह सारा धान पूरी तरह पानी में डूब गया और अब उसमें अंकुर फूटने लगे हैं।
विधायक व्यास कश्यप ने इस पूरे मामले पर गहरी नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि किसानों की मेहनत और उनकी गाढ़ी कमाई का शासन और विपणन विभाग ने मखौल बना दिया है। लाखों क्विंटल धान को सुरक्षित रखने के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन नतीजा सामने है।
विधायक ने दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
इस बीच संग्रहण केंद्र के कर्मचारी अब हालात छिपाने की कोशिश में लग गए हैं। अंकुरित और सड़ चुके धान को दूसरी बोरियों में पलटकर सही दिखाने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि धान संग्रहण के दौरान ही सावधानी बरती जाती तो यह नुकसान टाला जा सकता था। अगर धान की समय पर मिलिंग हो जाती या बारिश से पहले कवर की व्यवस्था होती, तो इतनी बड़ी बर्बादी नहीं होती।