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माइनिंग ब्यूरो, जीएस‌आई, एन‌एमडीसी क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएं-बृजमोहन
04-Jul-2025 5:17 PM
माइनिंग ब्यूरो, जीएस‌आई, एन‌एमडीसी क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएं-बृजमोहन

कोयला खान मंत्रालय की समिति की बैठक में रखी मांग

'छत्तीसगढ़' संवाददाता 
रायपुर, 4 जुलाई ।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल हैदराबाद में कोयला  खान मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री  जी. किशन रेड्डी राज्य मंत्री  सतीश चंद्र दुबे समेत समिति सदस्य और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

बैठक में श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कई खदानें बंद पड़ी हैं, जो जन-जीवन के लिए खतरा बनी हुई हैं। उन्होंने मांग की कि:परित्यक्त खदानों की घेराबंदी कर उन्हें फ्लाई ऐश व ओवरबर्डन से भरा जाए ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
 एनटीपीसी संयंत्रों से उत्पन्न फ्लाई ऐश को एसईसीएल की बंद खदानों में भरने की व्यवस्था की जाए और प्रति टन दर पर भुगतान सुनिश्चित हो। इसके लिए एनओसी तत्काल प्रभाव से जारी की जाए।

 दुर्ग जिले के धमदा में हाल ही में हुई दुखद दुर्घटना, जिसमें बस खदान में गिर गई थी, यह बताती है कि बंद खदानों की उपेक्षा जानलेवा हो सकती हैं। फ्लाई ऐश से भरी गई भूमि को किसानों को लीज पर देकर कृषि उपयोग हेतु उपलब्ध कराया जाए।
श्री अग्रवाल ने कोयले की चोरी को गंभीर समस्या बताया और हर खदान में डेटा निगरानी प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता जताई। साथ ही सभी वजन पुलों को किसी अधिकृत निकाय के अधीन संचालित किए जाने की मांग की। कोयला सलाहकार समिति के सदस्यों को पेट्रोलियम क्षेत्र की तर्ज पर सीएसआर फंड का लाभ दिया जाए, जिससे वे क्षेत्रीय विकास में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकें।

बैठक के दूसरे सत्र में उन्होंने छत्तीसगढ़ में खनिज अन्वेषण की दिशा में गंभीर प्रयासों की आवश्यकता जताई। श्री अग्रवाल ने बताया कि  जशपुर जिले के तुमला गांव में भी हीरे के भंडार मौजूद हैं। राज्य में प्राकृतिक हीरे, अलेक्जेंड्राइट, गार्नेट, बेरिल, क्वार्ट्ज़, एमेथिस्ट जैसे बहुमूल्य रत्न पाए जाते हैं। साथ ही राज्य में लीथियम और अन्य खनिज भंडार की प्रबल संभावना है। 

उन्होंने मांग की कि छत्तीसगढ़ में माइनिंग ब्यूरो भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाएं ताकि राज्य की खनिज संभावनाओं का दोहन वैज्ञानिक और पारदर्शी तरीके से हो सके।


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