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प्रयागराज, 4 जुलाई। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर बाकी क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण कराने की मांग वाली याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई टाल दी। इस मामले की अगली सुनवाई अब छह अगस्त को होगी।
जब यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में सुनवाई के लिए आया, तब अदालत को बताया गया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा 2020 की रिट याचिका संख्या 1246 (अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम केंद्र सरकार व अन्य) के मामले में पारित अंतरिम आदेश अब भी प्रभावी है, जिसे देखते हुए अदालत ने सुनवाई टाल दी।
उच्चतम न्यायालय ने अपने अंतरिम आदेश में निर्देश दिया था कि यद्यपि नए वाद दाखिल किए जा सकते हैं, अगले आदेश तक कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं किया जाएगा और उसमें कोई सुनवाई नहीं की जाएगी। साथ ही कोई भी अदालत सर्वेक्षण आदि सहित कोई अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी।
यह पुनरीक्षण याचिका वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 अक्टूबर, 2023 के आदेश को चुनौती देते हुए दायर की गई है जिसमें जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाना क्षेत्र (कथित शिवलिंग को छोड़कर) का सर्वेक्षण करने का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को निर्देश देने से मना कर दिया था।
वाराणसी की अदालत में श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना वाद में शामिल वादकारियों में से एक राखी सिंह ने अपनी पुनरीक्षण याचिका में दलील दी है कि न्याय हित में वजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण आवश्यक है क्योंकि इससे अदालत को निर्णय पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
उन्होंने यह भी कहा है कि वजूखाना क्षेत्र का एएसआई से सर्वेक्षण इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि इससे संपूर्ण संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि एएसआई वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर का पहले ही सर्वेक्षण कर चुका है और वाराणसी के जिला न्यायाधीश को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एएसआई ने सर्वेक्षण का कार्य वाराणसी के जिला न्यायाधीश के 21 जुलाई, 2023 के आदेश के मुताबिक किया था। (भाषा)