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संगारेड्डी (तेलंगाना), 2 जुलाई। संगारेड्डी जिले में दो दिन पहले विस्फोट की चपेट में आए सिगाची इंडस्ट्रीज के दवा संयंत्र से मलबा हटाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। विस्फोट में 36 लोगों की जान गई है। जिले के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इकाई के पास संचालन के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं था क्योंकि उन्होंने एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया था।
पुलिस अधीक्षक परितोष पंकज ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम के अनुसार, मलबा हटाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। उनके अनुसार, कोई और शव नहीं मिला है। हम अब भी लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। मलबा हटाने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन किसी भी तरह की घटना होने पर राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और हैदराबाद आपदा प्रतिक्रिया और संपत्ति संरक्षण एजेंसी (हाइड्रा) की एक-एक टीम तैयार अवस्था में वहां मौजूद है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या फैक्टरी में कोई कमी पाई गई है, इस पर पंकज ने कहा कि यह एक तकनीकी मामला है और इसकी जांच विशेषज्ञों की टीम द्वारा की जानी है।
संगारेड्डी पुलिस ने एक पीड़ित के परिवार के सदस्य की शिकायत के आधार पर विस्फोट के सिलसिले में फैक्टरी प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास) और 117 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
इसके अलावा, तेलंगाना अग्निशमन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी को विभाग से कोई एनओसी जारी नहीं हुआ है। संयंत्र में आग लगने की चेतावनी देने वाले ‘फायर अलार्म’ और ‘हीट सेंसर’ सहित कोई पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं थे।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है। यह एक ऑनलाइन प्रक्रिया है। जब कोई कंपनी ऑनलाइन आवेदन करती है, तो एक समिति उस पर फैसला करती है। इस इकाई ने किसी भी एनओसी के लिए आवेदन नहीं किया है और इसलिए हमने जारी नहीं किया है।’’
उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से मलबा हटाने का काम लगभग पूरा हो गया है और अधिकतर वाहन वापस भेज दिए गए हैं।
वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय प्रशासनित सेवा) अधिकारी और तेलंगाना फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं की निदेशक शिखा गोयल ने कहा कि प्रयोगशाला को डीएनए जांच और मिलान के लिए शवों और परिवार के सदस्यों के लगभग 50 नमूने मिले हैं।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘डीएनए जांच और मिलान की प्रक्रिया जारी है। यह पूरी रात चलती रही। हमें जो भी नमूने मिले हैं, उनकी जांच आज तक पूरी हो जानी चाहिए।’’
राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि केवल 14 शवों की पहचान की गई है, जबकि शेष के डीएनए मिलान की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने पहले कहा था कि राज्य सरकार कंपनी के प्रबंधन से बात करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस भीषण दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिले। इस घटना में 34 लोग घायल भी हुए हैं। (भाषा)