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मुआवजे का फर्जीवाड़ा, 152 मकान मौके पर नहीं, कागजों में दिखाया
03-Jul-2025 11:51 AM
मुआवजे का फर्जीवाड़ा, 152 मकान मौके पर नहीं, कागजों में दिखाया

एसईसीएल की दीपका विस्तार परियोजना का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोरबा, 3 जुलाई। एसईसीएल की दीपका विस्तार परियोजना के तहत ग्राम मलगांव में चिन्हांकित ज़मीन पर परिसंपत्तियों का सर्वे करते समय एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में पाया गया है कि मुआवजा पाने के लिए 152 मकानों को कागजों में दिखा दिया गया, जबकि मौके पर ये मकान मौजूद ही नहीं थे।

यह खुलासा कटघोरा एसडीएम रोहित सिंह की अगुवाई में की गई जांच के बाद हुआ, जो कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देश पर की गई थी। इस जांच में राजस्व अमला और एसईसीएल दीपका परियोजना के अधिकारी शामिल थे।

दरअसल, वर्ष 2004 में दीपका विस्तार परियोजना के लिए मलगांव की करीब 63.795 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। वर्ष 2022-23 में सर्वे किया गया, जिसमें 1638 परिसंपत्तियों का जिक्र था। लेकिन मई 2025 में जब विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हुई, तो पता चला कि कई मकान वास्तव में थे ही नहीं।

पहले 78 मकानों की सूची एसईसीएल ने दी, फिर राजस्व अधिकारियों ने गूगल अर्थ की मदद से और 74 मकानों को भी मौके से गायब पाया। यानी कुल 152 काल्पनिक मकान, जिनके नाम पर मुआवजा बनाया जा रहा था।

एसडीएम रोहित सिंह ने इस पर एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखा है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि इन 152 फर्जी मकानों के नाम पर किसी भी तरह का मुआवजा भुगतान न किया जाए। यदि किसी को भुगतान हो चुका है, तो उनसे 15 दिन के भीतर वसूली की कार्रवाई की जाए। मुआवजा निरस्तीकरण की प्रक्रिया 3 दिन में पूरी की जाए। इसके अलावा पूरी रिपोर्ट कटघोरा एसडीएम कार्यालय को सौंपने को भी कहा गया है।

 


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