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नयी दिल्ली, 2 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील समेत पांच देशों की एक सप्ताह की यात्रा के लिए रवाना होते समय बुधवार को कहा कि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स को लेकर प्रतिबद्ध है।
ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। बाद में मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी इसमें शामिल कर इसका विस्तार किया गया।
मोदी ने प्रस्थान के समय अपने बयान में कहा, ‘‘हम मिलकर एक अधिक शांतिपूर्ण, समतापूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए प्रयासरत हैं।’’
मोदी ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने और ‘ग्लोबल साउथ’ के कई प्रमुख देशों के साथ भारत के संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए पांच देशों की यात्रा कर रहे हैं। वह इस यात्रा के दौरान ब्राजील के अलावा घाना, त्रिनिदाद एवं टोबैगो, अर्जेंटीना और नामीबिया भी जाएंगे।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें विकासशील, अल्प विकसित या अविकसित माना जाता है तथा जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।
यात्रा के पहले चरण में मोदी घाना जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर वह बुधवार और बृहस्पतिवार को वहां रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की घाना की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। साथ ही यह तीन दशकों में भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा होगी।
मोदी ने कहा कि घाना ‘ग्लोबल साउथ’ में एक महत्वपूर्ण साझेदार है तथा अफ्रीकी संघ एवं पश्चिमी अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि वह दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने तथा निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण एवं विकास साझेदारी के क्षेत्रों में सहयोग के नए द्वार खोलने के उद्देश्य से होने वाली वार्ताओं के लिए उत्सुक हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों लोकतांत्रिक देश हैं। ऐसे में घाना की संसद में संबोधन देना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।’’
वह घाना की यात्रा के बाद त्रिनिदाद एवं टोबैगो जाएंगे जिसके साथ भारत के गहरे ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं।
इस यात्रा के दौरान मोदी त्रिनिदाद एवं टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर के साथ वार्ता करेंगे। कंगालू इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस में मुख्य अतिथि थीं।
मोदी ने कहा, ‘‘भारतीय पहली बार 180 वर्ष पूर्व त्रिनिदाद एवं टोबैगो पहुंचे थे। यह यात्रा हमें एकजुट करने वाले पूर्वजों और रिश्तेदारों के विशेष बंधनों को पुनर्जीवित करने का अवसर प्रदान करेगी।’’
इसके बाद मोदी ब्यूनस आयर्स जाएंगे जो 57 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
उन्होंने कहा कि अर्जेंटीना लातिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है।
मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ वार्ता करने के लिए उत्सुक हैं। मोदी और माइली की पिछले वर्ष भी मुलाकात हुई थी।
मोदी ने कहा, ‘‘हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी एवं निवेश के क्षेत्रों सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’’
वह छह और सात जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
मोदी ने कहा कि एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स को लेकर प्रतिबद्ध है।
शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी विश्व के कई नेताओं से मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं ब्रासीलिया की द्विपक्षीय राजकीय यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र एवं राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर वैश्विक दक्षिण की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।’’
मोदी यात्रा के अंतिम चरण में नामीबिया जाएंगे जिसे उन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष के साझा इतिहास वाला भारत का एक विश्वसनीय साझेदार बताया।
उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलेंगे और दोनों देशों के लोगों, क्षेत्रों एवं व्यापक ‘ग्लोबल साउथ’ के कल्याण के लिए सहयोग का एक नया खाका तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना सम्मान की बात होगी। हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।’’
मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि इन पांच देशों की उनकी यात्रा से ‘ग्लोबल साउथ’ में भारत के संबंध और मैत्री सुदृढ़ होगी, अटलांटिक के दोनों ओर साझेदारी मजबूत होगी तथा ब्रिक्स एवं अफ्रीकी संघ जैसे बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी गहरी होगी। (भाषा)