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‘क्वाड’ ने बिना किसी देरी के पहलगाम हमले के दोषियों को दंडित करने का आह्वान किया
02-Jul-2025 12:12 PM
‘क्वाड’ ने बिना किसी देरी के पहलगाम हमले के दोषियों को दंडित करने का आह्वान किया

वाशिंगटन, 2 जुलाई। चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह ‘क्वाड’ ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने वालों, उसे अंजाम देने वालों और इसके वित्त पोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया तथा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से इस संबंध में सहयोग बढ़ाने की अपील की।

चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के सदस्य देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों ने इस वर्ष के अंत में भारत में होने वाले समूह के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए व्यापक एजेंडा तय करने के वास्ते मंगलवार को अमेरिका की राजधानी में बैठक की।

‘क्वाड’ सदस्य देशों ने 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।

हालांकि, संयुक्त बयान में मंत्रियों ने पाकिस्तान का या मई में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष का जिक्र नहीं किया।

बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान में उनके समकक्ष ताकेशी इवाया शामिल हुए।

‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की ‘‘कड़े से कड़े शब्दों में’’ निंदा की, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सभी घायलों के शीघ्र एवं पूरी तरह से स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, इसे अंजाम देने वालों और वित्तपोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान करते हैं और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित प्राधिकारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।’’

‘क्वाड’ समूह के विदेश मंत्रियों ने पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर में चीन बढ़ती सैन्य की स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई।

उन्होंने चीन का सीधे-सीधे उल्लेख किए बिना कहा, ‘‘हम किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध दोहराते हैं जिसमें बलपूर्वक या जबरन यथास्थिति को बदलने की कोशिश की जा रही हो।’’

‘क्वाड’ की बैठक में इस साल मुंबई में ‘‘भविष्य के क्वाड बंदरगाह’’ साझेदारी शुरू करने की योजना की भी घोषणा की गई।

‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों ने विशेष रूप से ‘‘खतरनाक और उकसावे वाली कार्रवाइयों पर प्रकाश डाला, जिसमें तट से दूर संसाधन विकास में हस्तक्षेप, नौवहन और क्षेत्र के ऊपर से विमानों के आवागमन की स्वतंत्रता में बार-बार बाधा डालना और सैन्य विमानों एवं तट रक्षक तथा समुद्री मिलिशिया जहाजों द्वारा खतरनाक युद्धाभ्यास शामिल हैं।’’

समुद्री मिलिशिया जहाज आम तौर पर असैन्य जहाज होते हैं, जो प्रायः मछली पकड़ने में इस्तेमाल होते हैं लेकिन ये चीन के सैन्य और अर्द्धसैनिक अभियानों में मदद करते हैं।

विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम विवादित स्थलों के सैन्यीकरण से गंभीर रूप से चिंतित हैं। हम समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) में परिलक्षित नियमों के अनुरूप नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता, समुद्र के अन्य वैध उपयोगों तथा अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप निर्बाध वाणिज्य को बनाए रखने के महत्व पर बल देते हैं।’’

‘क्वाड’ मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार हल किया जाना चाहिए।

उन्होंने 12 जुलाई, 2016 को मध्यस्थ न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए फैसले के क्रियान्वयन की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि यह पक्षों के बीच विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए एक ‘‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर और आधार’’ है।

हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने चीन की तथाकथित ‘‘नाइन-डैश लाइन’’ (चीन द्वारा दक्षिण चीन सागर में अपने क्षेत्रीय दावों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रेखा) के खिलाफ दायर फिलीपीन के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों के विरुद्ध फैसला सुनाया था।

‘क्वाड’ के विदेश मंत्रियों ने इस मामले पर चीन की नीति के स्पष्ट संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण खनिजों के लिए प्रमुख आपूर्ति शृंखलाओं के ‘‘अचानक सीमित होने और भविष्य की विश्वसनीयता’’ को लेकर भी गहरी चिंता जताई।

क्वाड मंत्रियों ने कहा, ‘‘इसमें महत्वपूर्ण खनिजों, कुछ मूल धातु से उत्पन्न उत्पादों और खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी के लिए गैर-बाजार नीतियों और प्रथाओं का उपयोग शामिल है।’’

उन्होंने विविध और विश्वसनीय वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के महत्व को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘महत्वपूर्ण खनिजों के प्रसंस्करण और शोधन तथा मूल धातु से उत्पन्न वस्तुओं के उत्पादन के लिए किसी एक देश पर निर्भरता हमारे उद्योगों के सामने आर्थिक दबाव, कीमत में हेरफेर और आपूर्ति शृंखला में व्यवधानों को उजागर करती है, जो हमारी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को और नुकसान पहुंचाती है।’’

समूह ने म्यांमा में ‘‘बिगड़ती संकट की स्थिति’’ और क्षेत्र पर इसके प्रभाव पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की।

समूह ने कहा, ‘‘हम (म्यांमा) शासन से संघर्ष विराम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का पालन करने का आह्वान करते हैं और सभी पक्षों से संघर्ष विराम उपायों को लागू करने, इसे विस्तारित करने तथा व्यापक बनाने का आह्वान करते हैं।’’

‘क्वाड’ विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) के प्रयासों के लिए हमारे मजबूत समर्थन की पुष्टि करते हैं, जिसमें संकट के समावेशी, टिकाऊ और शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में पांच सूत्री सहमति के पूर्ण और प्रभावी कार्यान्वयन का आह्वान करना शामिल है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी पक्षों से मानवीय सहायता की सुरक्षित और निर्बाध आपूर्ति की अनुमति देने का आह्वान करते हैं। हम क्षेत्रीय सुरक्षा पर संकट के प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के प्रसार को लेकर भी चिंतित हैं।’’ (भाषा)


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