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‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ ने छात्रा से बलात्कार के तीन आरोपियों को निष्कासित किया
01-Jul-2025 8:22 PM
‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ ने छात्रा से बलात्कार के तीन आरोपियों को निष्कासित किया

कोलकाता, 1 जुलाई। ‘साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज’ के प्राधिकारियों ने कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा से कथित सामूहिक बलात्कार के प्रमुख आरोपी की सेवा समाप्त करने के साथ ही मामले में दो अन्य सह आरोपियों को कॉलेज से निष्कासित कर दिया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

प्रमुख आरोपी मनोजित मिश्रा की नियुक्ति अपराध से जुड़ी उसकी गिरफ्तारी के बाद रद्द कर दी गई है। उसकी नियुक्ति कॉलेज के शासी निकाय की एक पूर्व सिफारिश पर एक अस्थायी कर्मचारी के रूप में की गई थी।

मिश्रा को कॉलेज के छात्र एवं सह-आरोपियों जैब अहमद और प्रोमित मुखर्जी के साथ गिरफ्तार किया गया था और उन्हें अब पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

तृणमूल कांग्रेस विधायक अशोक कुमार देब की अध्यक्षता में कॉलेज के शासी निकाय की एक बैठक के बाद प्राधिकारियों ने मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने और दो छात्रों को निष्कासित करने की घोषणा की।

देब ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मिश्रा की सेवाएं समाप्त करने का निर्णय लिया गया है जबकि दो अन्य छात्रों को तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया जाएगा। कॉलेज आरोपियों से अब कोई भी संबंध नहीं रखेगा। कॉलेज परिसर की सुरक्षा के लिए नियुक्त सुरक्षा एजेंसी को भी कारण बताओ नोटिस भेजा जाएगा।’’

इस अपराध के सिलसिले में एक सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार किया गया है।

पीड़िता प्रथम वर्ष की छात्रा है, जिस पर 25 जून को कक्षा के समय के बाद कॉलेज परिसर में कथित रूप से हमला किया गया और बलात्कार किया गया। उक्त घटना के बाद संस्थान के शासी निकाय की मंगलवार दोपहर में यह पहली बैठक थी।

कॉलेज प्रशासन ने मिश्रा की बार काउंसिल की सदस्यता रद्द करने के लिए भी आवेदन करने का निर्णय लिया है, जो अलीपुर पुलिस एवं सत्र अदालत में आपराधिक मामलों का वकील है, जैसा कि उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल में बताया गया है।

देब ने कहा, ‘‘हम कॉलेज में जल्द से जल्द स्वस्थ शैक्षणिक माहौल वापस लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।’’ उन्होंने पुष्टि की कि परिसर फिलहाल बंद रहेगा, हालांकि छात्रों के आगामी परीक्षा कार्यक्रम में कोई व्यवधान नहीं होगा।

शासी निकाय के अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कॉलेज का प्रशासनिक कार्यालय खुला रहेगा और छात्र अपने परीक्षा फॉर्म भरने के लिए आ सकते हैं।’’

शासी निकाय ने पीड़िता को उसके इलाज के खर्च के लिए वित्तीय सहायता की भी पेशकश की, बशर्ते वह और उसका परिवार इसे स्वीकार करने के लिए सहमत हो। शासी निकाय के एक शिक्षण प्रतिनिधि हरिपद बनिक ने कहा, ‘‘हम कॉलेज के अंदर सीसीटीवी कवरेज को व्यापक करेंगे और मौजूदा सुरक्षा एजेंसी को एक नयी एजेंसी से बदल देंगे। हमने परिसर में महिला सुरक्षा गार्ड तैनात करने का भी फैसला किया है।’’

कॉलेज प्रशासन की ओर से यह कार्रवाई कॉलेज परिसर में हुई कथित घटना को लेकर बढ़ते जनाक्रोश के बीच की गई है, जिसके कारण जवाबदेही और परिसर में सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार की मजबूत मांग उठी।

कॉलेज की उप-प्राचार्य नयना चटर्जी के अनुसार, मिश्रा को शासी निकाय द्वारा पारित एक पूर्व प्रस्ताव के आधार पर 45 दिनों की नवीकरणीय अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था।

चटर्जी ने मंगलवार को कहा, ‘‘हमने न केवल आरोपियों को निष्कासित कर दिया है, बल्कि अपराधियों के लिए कड़ी सजा चाहते हैं।’’

कॉलेज के रिकॉर्ड से पता चलता है कि मिश्रा पहले संस्थान का छात्र था और उसका दाखिला 2013 में हुआ था। उसी साल कालीघाट थानाक्षेत्र अंतर्गत चेतला ब्रिज पर एक युवक को चाकू मारने के आरोप में उसे संस्थान से अस्थायी तौर पर निष्कासित कर दिया गया था।

मिश्रा उस समय पुलिस की पहुंच से गायब हो गया था, लेकिन 2017 में वह फिर से सामने आया और कॉलेज में दोबारा दाखिला लिया, जहां से वह 2022 में उत्तीर्ण हुआ।

वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) से भी जुड़ा था और पूर्व छात्रों के अनुसार, कॉलेज के भीतर उसका काफी दबदबा था।

संस्थान के एक पूर्व छात्र टिटस मन्ना ने एक स्थानीय समाचार चैनल को बताया, ‘‘दिसंबर 2016 में उस पर कॉलेज परिसर में तोड़फोड़ करने के लिए बाहरी लोगों की भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप लगा था। घटना के सिलसिले में कस्बा थाने में प्राथमिकी और जवाबी प्राथमिकी दर्ज की गई थीं, लेकिन किसी अज्ञात कारण से मामले वापस ले लिए गए।’’

मिश्रा के खिलाफ सामूहिक बलात्कार के अलावा कम से कम सात औपचारिक शिकायतों और प्राथमिकी की प्रतियां पीटीआई के पास हैं। इन प्राथमिकी से पता चलता है कि पूर्व छात्र के खिलाफ दक्षिण कोलकाता के कई पुलिस थानों में यौन उत्पीड़न के कई मामले दर्ज हैं। (भाषा)


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