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3 साल से पाइपलाइन, फिर भी नहीं पहुंचा सरगुजा के गांवों में पानी
18-Jun-2025 11:41 AM
3 साल से पाइपलाइन, फिर भी नहीं पहुंचा सरगुजा के गांवों में पानी

हाईकोर्ट लगातार मॉनिटरिंग करेगी, व्यवस्था सुधार कर मांगा हलफनामा  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 18 जून। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में जल जीवन मिशन की हकीकत सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने साफ कहा कि अब इस मामले की लगातार निगरानी की जाएगी। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 15 सितंबर तय की है।

ये मामला सरगुजा के एक गांव में 100 फीसदी पाइपलाइन का काम पूरा होने के बावजूद पानी की एक बूंद न पहुंचने से जुड़ा है। इस पर जब मीडिया में रिपोर्ट आई, तो हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की और अब सुनवाई भी शुरू कर दी है।

इसी बीच एक हस्तक्षेप आवेदन भी कोर्ट में आया, जिसमें कहा गया कि जल जीवन मिशन के तहत सरगुजा के कई गांवों में पाइपलाइन तो बिछा दी गई, लेकिन पानी की नियमित आपूर्ति आज तक नहीं हो रही।
राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट में बताया गया कि सरगुजा जिले के 48 गांवों को ‘हर घर जल’ गांव के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है। बलसेड़ी, कुल्हाड़ी, खलीबा और सरगवां जैसे गांव खैरबार जल प्रदाय योजना में शामिल हैं, जिसमें कुल 32 गांव आते हैं। योजना के तहत नदी से पानी खींचकर ट्रीटमेंट के बाद इन गांवों में पाइपलाइन से पानी पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।

इस योजना के निर्माण और संचालन के लिए फरवरी 2024 में एजेंसी को कार्यादेश दिया गया था, जिसे फरवरी 2025 तक पूरा करना था। लेकिन काम समय पर नहीं हो सका, इसलिए इसे एक साल और बढ़ा दिया गया है।

हस्तक्षेपकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि जिन 32 गांवों में 90 प्रतिशत काम पूरा होने का दावा किया जा रहा है, वहां आज भी पंप नहीं लगे हैं। हैंडपंप हैं, तो उनमें पानी नहीं आ रहा। बलसेड़ी, कुल्हाड़ी, खलीबा और सरगवां जैसे गांवों में तीन साल से पाइपलाइन पड़ी है, लेकिन पानी एक दिन भी नहीं आया।

केंद्र सरकार ने कोर्ट को जानकारी दी कि जल जीवन मिशन को साल 2019-20 में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य ग्रामीण परिवारों को साफ पानी देने वाला नल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। पहले इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अब इसे 2028 तक बढ़ा दिया गया है।

हाईकोर्ट ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को प्रगति की जानकारी के साथ हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ आंकड़ों का नहीं, जमीन पर काम की सच्चाई बताई जाए। इसकी निरंतर मानिटरिंग की जाएगी और अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।


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