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पूर्व गृहमंत्री ने केन्द्रीय गृह सचिव को लिखा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अप्रैल। पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने डीजी पद पर आईपीएस हिमांशु गुप्ता की पदोन्नति को गलत ठहराया है। उन्होंने कहा कि डीपीसी में राज्य शासन की तरफ से गलत जानकारी दी गई, और गुप्ता से पदक्रम सूची में आगे शिवराम प्रसाद कल्लूरी पदोन्नति से वंचित रह गए। कंवर ने केन्द्रीय गृह सचिव को मय दस्तावेज शिकायत की है, और जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की है।
कंवर ने पत्र में बताया कि आईपीएस हिमांशु गुप्ता 94 बैच के अफसर हैं। उन्हें त्रिपुरा कैडर आबंटित किया गया था। इसके बाद कैडर ट्रांसफर योजना के अंतर्गत खुद की मांग पर उन्हें मध्यप्रदेश कैडर आबंटित किया गया। सन् 2000 में उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर आबंटित किया गया। डीओपीटी के नियम के मुताबिक वरिष्ठता क्रम में उनका नाम शिवराम प्रसाद कल्लूरी के बाद दर्ज होना था।
पूर्व गृहमंत्री ने नियमों का हवाला दिया, और बताया कि गृह विभाग के कुछ चुनिंदा अधिकारियों से मिलीभगत कर हिमांशु गुप्ता ने अनियमित पदोन्नति प्राप्त की है। इसके लिए यूपीएससी को भ्रामक जानकारी भेजी गई है। श्री कंवर ने यह भी बताया कि कैट ने 94 बैच के एक अन्य अफसर जी.पी.सिंह के जबरिया रिटायरमेंट आदेश को निरस्त कर सेवा में वापिस लेने के आदेश दिए गए जिसे राज्य सरकार द्वारा कोई चुनौती नहीं दी गई।
पूर्व गृहमंत्री ने बताया कि जी.पी.सिंह का नाम वरिष्ठता क्रम में हिमांशु गुप्ता से ऊपर है। उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के परिपालन में नियमानुसार उनकी डीजी पद पर पदोन्नति के लिए लिफाफा सील कर डीजी का एक पद आरक्षित रखा जाना चाहिए था, लेकिन नियम विरुद्ध जाकर हिमांशु गुप्ता द्वारा गृह विभाग के अवर सचिव मनोज श्रीवास्तव, व अन्य अधिकारियों से मिलीभगत कर पदोन्नति समिति को गुमराह कर गलत तरीके से उक्त आरक्षित पद पर पदोन्नति प्राप्त की गई।
पूर्व गृहमंत्री ने यह भी बताया कि डीपीसी के मुताबिक जी.पी.सिंह की पदोन्नति 2 जुलाई 2024 से और 5 फरवरी 2025 को रिक्त डीजीपी के पद पर नियुक्ति होनी थी, ऐसा रिव्यू डीपीसी के द्वारा दिया गया, जिस पर वरिष्ठ अधिकारी-कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने कहा कि यह गंभीर और षडय़ंत्रपूर्वक फर्जी जानकारी देने का मामला है। इस पर संलिप्त अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।