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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 16 जनवरी । छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार द्वारा स्थानीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतों में ओबीसी और एससी-एसटी आरक्षण में कटौती के विरोध में कांग्रेस ने 15 जनवरी को एक विशाल रैली आयोजित की। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने में सांकेतिक गिरफ्तारी दी। भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पुलिस ग्राउंड को अस्थायी जेल में तब्दील कर दिया, जहां 3000 से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से अपनी गिरफ्तारी दी।
सुबह 11 बजे से ही कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस भवन में जुटने लगे थे। दूर-दराज से आए कार्यकर्ता अलग-अलग स्थानों से रैली में शामिल हुए। रैली में रतनपुर, बेलगहना, कोटा, मस्तूरी, तखतपुर, बिल्हा, तिफरा, सकरी, सिरगिट्टी समेत विभिन्न क्षेत्रों से लोग पहुंचे।
ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर अध्यक्ष विजय पांडे के नेतृत्व में यह रैली दोपहर 1:30 बजे कांग्रेस भवन से नेहरू चौक, राजेंद्र चौक और अंबेडकर चौक होते हुए सिविल लाइन थाने की ओर बढ़ी। पुलिस ने मार्ग को बेरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बेरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश की, जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया।
रैली के दौरान "ओबीसी आरक्षण देना होगा" जैसे नारे गूंजते रहे। कार्यकर्ताओं के हाथों में तिरंगे और भाजपा सरकार विरोधी नारे लिखे तख्तियां थीं।
इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा, "छत्तीसगढ़ के 33 जिला पंचायतों में ओबीसी के लिए अध्यक्ष पद पर आरक्षण न के बराबर है। यह ओबीसी वर्ग की राजनीतिक भागीदारी को खत्म करने की साजिश है।"
उन्होंने सवाल उठाया कि बिलासपुर जिला पंचायत में 17 में से केवल 1 ओबीसी सीट क्यों है, और 486 ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए मात्र 35 सीटें ओबीसी वर्ग को क्यों दी गई हैं?
शहर अध्यक्ष विजय पांडे ने भाजपा पर ओबीसी और एससी-एसटी वर्ग के साथ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि "सरकार संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन कर रही है।"
रैली में विधायक दिलीप लहरिया, महापौर रामशरण यादव, पूर्व सांसद इंग्रिड मैकलॉड, पूर्व विधायक शैलेश पांडे, प्रमोद नायक और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। इसके अलावा महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवादल और विभिन्न प्रकोष्ठों के सदस्य भी उपस्थित थे।


