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भारतीय संविधान सबसे बड़ा और लिखित है- डाॅ आभा पाल
26-Nov-2022 5:46 PM
भारतीय संविधान सबसे बड़ा और लिखित है- डाॅ आभा पाल

संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है- राठौर

रायपुर, 26 नवम्बर। डाॅ आभा रूपेन्द्र पाल ने कहा कि विश्व का प्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका का है तथा संसार का सबसे बड़ा लिखित संविधान भारत का है।  
डाॅ आभा पाल ने आज रविवि  के इतिहास अध्ययन शाला द्वारा आयोजित भारतीय संविधान कल, आज और कल विषय पर व्याख्यान एवं परिचर्चा में  उक्त विचार व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन 26 नवम्बर को भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। 

संयुक्त संचालक राज्य सूचना आयोग  धनंजय राठौर ने मुख्य वक्ता के रूप कहा कि  किसी भी देश का संविधान वह मौलिक कानून है जो सरकार के विभिन्न अंगों की रूपरेखा, कार्य निर्धारण तथा नागरिको के हितों का संरक्षण भी करता है। वर्तमान में, भारत का संविधान 465 अनुच्छेद जो 25 भागों और 12 अनुसूचियों में लिखित है। जिस समय संविधान लागू हुआ था, उस समय 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचि और 22 भाग थे। संविधान में समय– समय पर कई संशोधन किए जाते हैं। संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है, इसका उल्लंघन करनें वाले को गैर संवैधानिक माना जाता है।  
        
विशेष अतिथि के रूप सेवानिवृत्त प्राध्यापक  डाॅ किशोर अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार अधिनियम 1935- इस एक्ट की सबसे बड़ी विशेषता यह है की भारत की आज़ादी के समय भारतीय संविधान का बहुत बड़ा भाग इस एक्ट से लिया गया था। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा है।

इस व्याख्यान एवं परिचर्चा में प्रोफेसर प्रियंवदा मिश्रा ने अध्यक्ष भाषण दिया। इस अवसर पर  प्राध्यापक डाॅ डी एन खूँटे, डाॅ बंशो नुरूटी, डाॅ सीमा पाल, डाॅ उदय अढाऊ सहित रविवि इतिहास अध्ययन शाला के  विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे ।


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