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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 20 जनवरी। रायपुर और बिलासपुर की स्मार्ट सिटी कंपनियों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की भूमिका को अलग रखने के खिलाफ दायर की गई जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की डबल बेंच में फिर सुनवाई हुई।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी रायपुर की ओर से नए प्रोजेक्ट शुरू करने की मांग करते हुए एक अतिरिक्त जवाब प्रस्तुत किया गया। याचिकाकर्ता के वकील विनय दुबे ने कहा कि इसकी कॉपी हमें शासन ने नहीं दिखाई है। हमें इसे उपलब्ध कराया जाना जरूरी है। कोर्ट ने इसकी अनुमति दी है और अब 25 जनवरी को प्रकरण की अगली सुनवाई होगी।
ज्ञात हो पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्मार्ट सिटी रायपुर और बिलासपुर दोनों को नए प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले कोर्ट की अनुमति लेने का निर्देश दिया है। वर्तमान में चल रहे प्रोजेक्ट पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। स्मार्ट सिटी कंपनियों की ओर से नए कार्य प्रारंभ करने की अनुमति मांगी गई थी, जिन्हें अत्यावश्यक प्रकृति का नहीं मानते हुए मंजूरी नहीं दी गई थी। इस पर स्मार्ट सिटी रायपुर की ओर से अतिरिक्त जवाब प्रस्तुत किया गया था।
ज्ञात हो कि याचिकाकर्ता विनय दुबे ने स्मार्ट सिटी कंपनियों की संरचना को चुनौती दी है। उन्होंने कहा है कि यह कंपनियां बिना किसी जवाबदेही के नगर निगम क्षेत्र में कार्य कर रही है और निर्वाचित संस्थाओं के अधिकारों को हड़प रही है। यह संविधान के 74 वें संशोधन और छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के खिलाफ है।


