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मोहम्मद नशीद मालदीव की संसद के स्पीकर और पूर्व राष्ट्रपति हैं. उन्होंने अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू को दिए इंटरव्यू में कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के समर्थन के कारण भारत के ख़िलाफ़ 'इंडिया आउट' कैंपेन को और हवा मिली है.
मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला यामीन को मनी लॉन्ड्रिंग केस में बरी कर दिया था और जेल से बाहर आने के बाद वह भारत के ख़िलाफ़ कैंपेन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं. अब्दुल्ला यामीन 2013 से 2019 तक मालदीव के राष्ट्रपति रहे थे और उन्हें चीन का क़रीबी माना जाता है. मोहम्मद नशीद अभी श्रीलंका में राष्ट्रीय युवा संसद को संबोधित करने कोलंबो आए थे और द हिन्दू ने उनसे वहीं बात की है.
नशीद ने यह भी कहा कि अपनी सत्ताधारी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) को सत्ता में लाने के लिए जो कुछ भी करना होगा, वो करेंगे. अभी हाल में ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी मालदीव के दौरे पर गए थे.
चीनी विदेश मंत्री के दौरे को लेकर मोहम्मद नशीद ने कहा, ''मेरा हमेशा से मानना रहा है कि एक देश का इस्तेमाल दूसरे देश के ख़िलाफ़ नहीं होना चाहिए. हमारे लिए यह अहम है कि हम दोस्त के साथ ईमानदार रहें. भारत हमारा पड़ोसी है और कुछ भी ज़रूरत होती है तो हम वहीं जाते हैं. मुझे नहीं लगता है कि मालदीव में भारत की मदद को किसी से छुपाने की ज़रूरत है.''
कोविड महामारी के कारण मालदीव में आर्थिक संकट पर नशीद ने कहा, ''हमें इस साल 50 करोड़ डॉलर का क़र्ज़ चुकाना है.'' नशीद ने कहा कि मालदीव जलवायु परिवर्तन से उपजे संकट की चपेट में सबसे ज़्यादा है. उन्होंने कहा कि मालदीव को सुनिश्चित करना होगा कि इन्फ़्रास्ट्रक्चर जलवायु परिवर्तन के कारण तबाह न हो जाए. (bbc.com)


