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उत्तर प्रदेश चुनाव: कांग्रेस का टिकट मिलने पर उन्नाव रेप पीड़िता की माँ ने क्या कहा?
14-Jan-2022 2:44 PM
उत्तर प्रदेश चुनाव: कांग्रेस का टिकट मिलने पर उन्नाव रेप पीड़िता की माँ ने क्या कहा?

इमेज स्रोत,GAURAV SHARMA/BBC, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने उन्नाव रेप पीड़िता की माँ आशा सिंह को टिकट दिया है


-सुशीला सिंह

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. उन्होंने 125 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिनमें 50 महिलाएँ हैं.

प्रियंका गांधी ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में ख़ासतौर पर महिला उम्मीदवारों का ज़िक्र किया और उनके बारे में जानकारी दी.

जिन महिला उम्मीदवारों को कांग्रेस में टिकट दिया गया है, उनमें एक नाम काफ़ी अहम हैं.

कांग्रेस ने 2017 के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड में पीड़िता की माँ आशा सिंह को टिकट दिया है. इस मामले में बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को 17 वर्षीया लड़की के साथ बलात्कार का दोषी ठहराते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई गई थी.

इसके अलावा कुछ पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी टिकट दिया गया है.

कांग्रेस की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने की जानकारी कब मिली? इस सवाल पर आशा सिंह ने बीबीसी हिंदी को बताया, "प्रियंका गांधी हमारी मदद कर रही हैं. उनके पीए ने हमें फोन करके पूछा कि आप चुनाव लड़ोगी तो हमने उन्हें जवाब में हां कह दिया."

बाद में उन्होंने ट्विटर पर बताया, "मेरे संघर्ष में और मेरी लड़ाई में मेरा साथ देने के लिये कांग्रेस पार्टी की आभारी हूँ. मुझे उन्नाव सदर से कांग्रेस प्रत्याशी घोषित करने के लिये कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी का धन्यवाद."

उनकी बेटी और उन्नाव रेप पीड़िता ने बीबीसी को बताया कि हम अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं और प्रियंका गांधी ने हमें उम्मीदवार बनाया है. मेरी मां शिक्षित नहीं हैं, इसलिए वे ज़्यादा बात नहीं कर पाएंगी.

जब बीबीसी ने आशा सिंह की दूसरी बेटी से पूछा कि आप कांग्रेस पार्टी के संपर्क में कैसे आईं तो उनका कहना था कि हम पार्टी के सदस्य हैं. हम कांग्रेस कार्यालय में आते-जाते रहते हैं.

उन्होंने कहा, "प्रियंका गांधी ने हमें चुनाव लड़ने के लिए कहा. वे हमेशा से हमारी मदद करती रही हैं."

चुनाव प्रचार की रणनीति के सवाल पर उन्होंने बताया, "जैसे चुनाव लड़ते हैं, हम लड़ेंगे. हमारे उन्नाव विधानसभा के लोग हमें वोट करेंगे."

प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 50 सीटों पर महिला उम्मीदवार खड़े करने का एलान किया है. सोनाली सिंह इस पर कहती हैं कि "मैं कैसे प्रियंका गांधी का शुक्रिया अदा करूं कि इतनी संख्या में महिलाओं को टिकट दिया गया है. महिलाओं की मदद की गई है. उन्होंने हमें इस काबिल समझा और हमें पार्टी का टिकट दिया."

प्रियंका गांधी ने इसे महिलाओं के सशक्तीकरण की कोशिश बताया है लेकिन चुनाव लड़ने से महिलाओं को कैसे मजबूती मिलेगी? इस सवाल पर सोनाली सिंह कहती हैं, "महिलाएं चुनाव लड़ेंगी, जीतेंगी और अपनी सरकार बनेगी."

उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ''हमने प्रयास किया है कि संघर्षशील और ऐसे प्रत्याशी हों जो राज्य में नई राजनीति करें. इनमें 40 प्रतिशत महिलाएँ और 40 प्रतिशत युवा हैं. महिला उम्मीदवारों में कुछ पत्रकार, एक अभिनेत्री, संघर्षशील महिलाएँ और ऐसी महिलाएं शामिल हैं जिन्होंने अपने जीवन में अत्याचार व उत्पीड़न का सामना किया है."

उन्होंने आशा सिंह के नाम की जानकारी देते हुए कहा, ''वो अपना संघर्ष जारी रखना चाहती हैं. हम चाहते हैं कि वो सत्ता में आएँ और अपनी लड़ाई खुद लड़ें.''

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा- "उन्नाव में जिनकी बेटी के साथ भाजपा ने अन्याय किया, अब वे न्याय का चेहरा बनेंगी. लड़ेंगी, जीतेंगी."

इसके अलावा जिन प्रमुख महिला उम्मीदवारों की जानकारी दी गई उनमें शाहजहांपुर से आशा वर्कर पूनम पांडे हैं. प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि उनके साथ पुलिस ने मारपीट की थी.

सदफ जफर को टिकट दिया गया है, जिन्हें सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन को लेकर गिरफ़्तार किया गया था.वह अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय समन्वयक भी हैं.

उन्नाव रेप केस: कब कब क्या हुआ?
4 जून 2017- पीड़िता ने बताया कि वह विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के यहां नौकरी दिलाने में मदद मांगने के लिए उनसे मिलने गई और विधायक के घर पर उसका रेप किया गया.

11 जून 2017- इसके बाद 11 जून को लड़की ग़ायब हो गई, जिसके बाद लड़की के परिवार वालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

20 जून, 2017- पीड़िता लड़की औरया के एक गांव से मिली और उसे अगले दिन उन्नाव लाया गया.

22 जून, 2017- पीड़िता की कोर्ट में पेशी हुई और सीआरपीसी की धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज हुआ. पीड़िता का आरोप था कि पुलिस ने बयान में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम नहीं लेने दिया.

3 जुलाई 2017- बयान दर्ज करवाने के 10 दिन बाद पीड़िता को पुलिस ने परिजनों को सौंपा और पीड़िता दिल्ली आ गई. पीड़िता ने कहा कि पुलिस ने उसका शोषण किया. पीड़िता ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके भाई अतुल सिंह सेंगर का नाम एफ़आईआर में शामिल किया जाए.

24 फरवरी, 2018- पीड़िता की मां सामने आईं और उन्नाव के चीफ़ ज्यूडिशिल मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख़ किया और सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफ़आईआर दर्ज करने की मांग की.

3 अप्रैल, 2018- लड़की के पिता के साथ विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर ने मारपीट की.

4 अप्रैल, 2018- इसके बाद उन्नाव पुलिस ने लड़की के पिता को आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ़्तार कर लिया.

8 अप्रैल, 2017- पीड़िता ने विधायक पर एफ़आईआर दर्ज कराने को लेकर सीएम आदित्यनाथ के आवास सामने आत्मदाह करने की कोशिश की. इस मामले में पुलिस पर उदासीनता का आरोप लगाया और परिवार ने आरोप लगाया कि एफ़आईआर दर्ज कराने के बाद उन्हें परेशान किया जा रहा है.

9 अप्रैल, 2018- लड़की के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई.

10 अप्रैल, 2018- पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें 14 जगह चोटें लगने की बात सामने आई. इस मामले में छह पुलिस वालों को सस्पेंड भी किया गया और मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए.

11 अप्रैल, 2018- राज्य की योगी सरकार ने ये केस सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए.

12 अप्रैल, 2018- नाबालिग से रेप के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अभियुक्त बनाया गया. लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से पूछा कि सरकार विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी करेगी या नहीं.

13 अप्रैल, 2018- सीबीआई ने विधायक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया, उसके बाद गिरफ्तारी की और मामले में नई एफ़आईआर दर्ज की गई.

11 जुलाई, 2018- सीबीआई ने इस केस में पहली चार्जशीट दायर की जिसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम रखा गया.

13 जुलाई, 2018- इस इस मामले में दूसरी चार्जशीट दायर की गई और पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, भाई अतुल सेंगर और कुछ पुलिस वालों को अभियुक्त बनाया गया. इस मामले में कुलदीप सेंगर, अतुल सेंगर सहित सात लोग अभियुक्त बनाए गए.

28 जुलाई 2019- पीड़िता अपने अपनी चाची, मौसी और वकील के साथ रायबरेली जा रही थी, जहां कार को ट्रक ने टक्कर मारी. ये एक्सीडेंट इतना भयानक था कि हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई.

लड़की को सुरक्षा के लिए कुल नौ सुरक्षाकर्मी दिए गए थे लेकिन घटना के वक़्त उसके साथ एक भी सुरक्षाकर्मी नहीं था. पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि विधायक के लोग उन्हें केस वापस लेने की लगातार धमकी दे रहे थे और ये एक्सीडेंट प्रयोजित कराया गया.

16 दिसंबर, 2019- कुलदीप सिंह सेंगर को रेप के लिए कसूरवार ठहराया गया.

20 दिसंबर, 2019 - कुलदीप सिंह सेंगर को इस मामले में उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई.

4 मार्च, 2020- कुलदीप सिंह सेंगर को न्यायिक हिरासत में हुई पीड़िता के पिता की मौत के लिए भी कसूरवार ठहराया गया.

कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर
अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत में सेंगर कांग्रेसी थे. 2002 के चुनावों से पहले उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया और कांग्रेस के प्रत्याशी को बड़े अंतर से हरा दिया. 2007 आते-आते उनकी छवि बाहुबली की बन गई थी. इसके बाद उन्होंने सपा का दामन थाम लिया.

2012 में भी सपा के टिकट पर उन्होंने चुनाव जीता और 2017 में बीजेपी के टिकट पर वह विधायक बन गए. यानी 2002 से वो लगातार विधायक हैं और अपने राजनीतिक करियर में यूपी की सभी अहम पार्टियों में रहे हैं. 2002 से 2017 के बीच वो बीएसपी, एसपी से भी विधायक रहे.

दिसंबर 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई थी जिसके बाद उनकी विधायकी निरस्त हो गई. साथ ही, बीजेपी ने कहा कि उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया है. (bbc.com)


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