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संबंधितों को नोटिस जारी कर हाई कोर्ट ने मांगा जवाब
बिलासपुर, 13 जनवरी। हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि कृषि मंडी बोर्ड जगदलपुर में सन 2002 से 2011 तक सांसद-विधायक मद के लाखों रुपए की गड़बड़ी की गई है।
रायपुर की जनहित कल्याण समिति ने एडवोकेट शैलजा शुक्ला व सचिन निधि के माध्यम से दायर याचिका में कहा है कि सन् 2002 से वर्ष 2011 तक जो विकास कार्य किए गए उनमें बड़ा घोटाला किया गया है। वर्ष 2011 में हुई ऑडिट से मालूम हुआ कि श्रमिकों को मनमाने ढंग से एक ही आईडी से भुगतान किया गया। राशि का भुगतान एक ही फिंगरप्रिंट से किया गया। फरवरी माह में भी 31 दिनों का मस्टररोल बनाया गया, जो आसानी से पास भी हो गया। ऑडिट में यह बात सामने आने पर सन् 2013 में जांच शुरू की गई, जो अब तक पूरी नहीं हुई है। जिन निर्माण कार्यों के लिए सांसद-विधायक मद से रुपए प्राप्त किए गए, वह स्थल पर दिखाई ही नहीं देते हैं। याचिका में बताया गया है कि यह घोटाला कार्यपालन यंत्री एम एल कुमरे के कार्यकाल में हुआ जो अभी प्रभारी अधीक्षण यंत्री के अलावा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में ईई के प्रभार पर हैं। इसके अलावा बेमेतरा मंडी बोर्ड में भी कुमरे को इसी पद पर रखा गया है।


