कोरबा

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
कोरबा, 17 जुलाई। सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट को लेकर पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयसिंह अग्रवाल और कलेक्टर अजीत वसंत के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है। पोस्ट पर कलेक्टर की ओर से नोटिस मिलने के बाद बुधवार को जयसिंह अग्रवाल ने सख्त लहजे में पलटवार करते हुए कहा कि मैं कलेक्टर का चपरासी नहीं हूं, न ही उनका मातहत जो उनके आदेश मानूं।
दरअसल, 14 जुलाई को जयसिंह अग्रवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर राज्यपाल रमेन डेका के सामने खड़े दिख रहे हैं और कलेक्टर व राज्यपाल बैठे हैं। पोस्ट में लिखा गया कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है। इस पर कलेक्टर ने इसे भ्रामक बताते हुए मंगलवार को नोटिस भेजा था और पोस्ट हटाने की चेतावनी दी थी।
पत्रकारों से बात करते हुए अग्रवाल ने कहा – कलेक्टर को मुझे कोई आदेश देने का अधिकार नहीं है। वह एक सरकारी अधिकारी हैं, और उन्हें अपनी सीमाओं में रहकर काम करना चाहिए। मैं न तो सरकारी कर्मचारी हूं, न ही उनका मातहत। वह नोटिस देकर मुझे डरा नहीं सकते।
उन्होंने आगे कहा –मैंने अपनी पूरी जिंदगी कोरबा में गुजारी है। अफसर तो आते-जाते रहते हैं, लेकिन हमें तो यहीं रहना है। वह आज हैं, कल नहीं रहेंगे। मैं कोई सरकारी सेवक नहीं कि मुझे सस्पेंड करने की धमकी दी जाए।
कलेक्टर अजीत वसंत ने पोस्ट पर अपनी सफाई दी थी। उन्होंने कहा कि ननकीराम कंवर को बैठक से पहले आदरपूर्वक स्वागत किया गया था। जिस समय वह ज्ञापन देने खड़े हुए, तभी वह फोटो ली गई और उसे गलत ढंग से पेश किया गया। इससे शासन-प्रशासन की छवि को नुकसान पहुंचा है और सामाजिक वैमनस्य की आशंका है।
कलेक्टर की नोटिस में अग्रवाल को चेतावनी दी गई थी कि अगर पोस्ट नहीं हटाई गई तो यह भारतीय न्याय संहिता के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा।