खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

कलेक्टर के आदेश पर विधायक यशोदा वर्मा ने जताई आपत्ति
09-Nov-2025 8:21 PM
कलेक्टर के आदेश पर विधायक यशोदा वर्मा ने जताई आपत्ति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 9 नवंबर। जिला कलेक्टर कार्यालय परिसर से 100 मीटर की दूरी तक पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने, रैली, धरना-प्रदर्शन और नारेबाजी पर रोक लगाने के आदेश के बाद खैरागढ़ में राजनीतिक हलचल देखी जा रही है।

इस आदेश पर विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कलेक्टर का निर्णय जनता और किसानों की आवाज को सीमित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों में इस प्रकार का आदेश लागू नहीं है। विधायक वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता बिजली दरों, सडक़ों की स्थिति, महंगाई, खराब फसलों के मुआवजे और बीमा जैसे मुद्दों को लेकर परेशान है। उन्होंने कहा कि जब लोग अपनी समस्याएं लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचते हैं और उन्हें 100 मीटर दूर रोका जाता है, तो यह जनता की बात सुनने की प्रक्रिया को कठिन बनाता है। श्रीमती वर्मा ने कहा कि खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला की स्थापना का उद्देश्य यही था कि लोगों को जिला मुख्यालय से अपनी समस्याएं रखने में सुविधा हो। उन्होंने कहा कि कलेक्टर के इस आदेश से लोगों में असंतोष है।

विधायक ने बताया कि 4 नवंबर को उनके नेतृत्व में किसान जिला कार्यालय पहुंचे थे। किसानों ने फसल मुआवजा, बीमा राशि, धान खरीदी पंजीयन में सुधार और गिरदावरी सर्वे से संबंधित विषयों पर ज्ञापन देने का प्रयास किया। उनका कहना है कि कलेक्टर कार्यालय में मौजूद होने के बावजूद कलेक्टर उनसे नहीं मिले, जिससे किसानों में असंतोष हुआ और वे चार घंटे तक कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर बैठे रहे।

वर्मा ने कहा कि वह इस आदेश के विरोध में राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगी और इसे निरस्त करने की मांग करेंगी।

उनके प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो विधायक के नेतृत्व में शांतिपूर्ण आंदोलन किया जाएगा।


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