खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

संगीत विवि का 69वां स्थापना दिवस मनाया
15-Oct-2025 3:41 PM
संगीत विवि का 69वां स्थापना दिवस मनाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़,  15 अक्टूबर। इन्दिरा कला संगीत विश्वविद्यालय का 69वां स्थापना दिवस राजा-रानी की दानशीलता को स्मरण कर मनाया गया।

सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के संस्थापकद्वय राजा वीरेन्द्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी तथा राजकुमारी इन्दिरा की प्रतिमा पर  कुलपति सहित अधिष्ठातागण, शिक्षकगण एवं अधिकारियों के द्वारा माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। तत्पश्चात संगीत संकाय के विद्यार्थियों द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति दी गई।

 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति  प्रो. डॉ.लवली शर्मा ने कहा कि हम इस विश्वविद्यालय का 69वां स्थापना दिवस मना रहे हैं। हमारे लिये यह गौरव की बात है कि हमने इतनी लंबी यात्रा तय की है। इस विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डॉ. के.एन. रातंजनकर जी जिनके अंदर कला और शास्त्र दोनों का गहन समन्वय था, उन्होंने इस विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने में बहुत संघर्ष किया। आज हम बहुत समृद्ध स्थिति पर पहुंच गये हैं।

कुलपति  ने कहा कि यहां के विद्यार्थी लगन से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और अपने को समृद्ध कर रहे हैं, शिक्षकगण भी विद्यार्थियों के प्रति समर्पित हैं। कला के लिये जो आवश्यक है सभी चीजें यहां है, इसका सदुपयोग कर हमें आगे बढऩा है।

यहां शासन स्तर पर भी माननीय मंत्रीगण सहित उच्च अधिकारियों द्वारा हमारी मांगे पूरी की जा रही है। इस विश्वविद्यालय को कला के लिये समर्पित विश्व का श्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनाना है, ऐसी मेरी कल्पना एवं प्रयास है। जो कमियां है उसे सब मिलकर दूर करेंगे।

 

 अधिष्ठाता प्रो.डॉ. राजन यादव ने अपना महल दान किये जाने के संबंध में राजा वीरेन्द्र बहादुर एवं रानी पद्मावती देवी के बीच हुई बातचीत का वर्णन किया। साथ ही उन्होंने पं. रविशंकर शुक्ल द्वारा कही गई बातों से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि खैरागढ़ में आज भी लघु भारत बसता है जो हमारे लिये गर्व की बात है। अकादमिक क्षेत्र में हमारा विश्वविद्यालय श्रेष्ठ है। संख्या भले ही कम हो पर बैनर हमारा बहुत बड़ा है।  अंत में आभार व्यक्त करते हुये प्रभारी कुलसचिव डॉ. सौमित्र तिवारी ने सभी को स्थापना दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्रकल्याण डॉ. देवमाईत मिंज ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में अधिष्ठातागण, अधिकारीगण, शिक्षकगण, कर्मचारीगण तथा विद्यार्थी-शोधार्थीगण उपस्थित थे।


अन्य पोस्ट