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एमओयू से शैक्षिक क्रांति-लवली शर्मा
25-May-2025 5:48 PM
एमओयू से शैक्षिक क्रांति-लवली शर्मा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 25 मई। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) एवं गोरखपुर, उत्तरप्रदेश की प्रतिष्ठित अकादमिक संस्थाएं इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (आईकेएसवी) और दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयूजीयू) ने उच्च शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान एवं नवाचार के क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात करते हुए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह ऐतिहासिक समझौता विश्वविद्यालयों की कुलपति प्रो.(डॉ.) लवली शर्मा एवं प्रो.पूनम टंडन के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जो भारतीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं विकास के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है।

 एम.ओ.यू. को लेकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर लवली शर्मा ने कहा कि यह समझौता भारतीय कला एवं संगीत को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है इससे शैक्षणिक जगत में एक नई क्रांति और दिशा मिलेगा।

एमओयू को लेकर कुलपति लवली शर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा करते हुए आगे कहा कि यह पुरानी विश्वविद्यालय है और बहुत अच्छे काम कर रहे हैं। फाइन आर्ट को पेटेंट बनाकर एक नई पहचान बनाई है। इस समझौते से अच्छे अच्छे काम होंगे और दोनों ही संस्थाओं का प्रभूत विकास होगा। विद्यार्थियों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का सुनहरा अवसर मिलेगा।

  गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यह समझौता हमारी उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसमें हम पारंपरिक कलाओं की गरिमा को आधुनिक अकादमिक ढांचे में समाहित कर रहे हैं। इस समझौते से सहयोगी क्षेत्रों का निर्धारण , प्रदर्शन कला ,दृश्य कला,  भाषाई एवं सांस्कृतिक अध्ययन  नाट्य, सिनेमा और टेलीविजन उत्कृष्ट शैक्षिक गतिविधियाँ, छात्र एवं शिक्षक आदान-प्रदान कार्यक्रम होंगे, साथ ही नियमित कार्यशालाएँ, सेमिनार और नवाचार परियोजनाएँ  पाठ्यक्रम एवं कार्यक्रम विकास में वैज्ञानिक और रचनात्मक दृष्टिकोण को अपनाया जाएगा।

यह समझौता तकनीकी नवाचार और कलात्मक समन्वय को सुदृढ़ करते हुए दोनों संस्थानों के बीच गहरे संवाद और सहयोग की नई राह खोलेगा, जिससे भारतीय कला में अंतरराष्ट्रीय पहचान को मजबूती मिलेगी। 

 

वैश्विक परिदृश्य में भारतीय कला की पुनरुत्थान

इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (आईकेएसवी) भारतीय कला, संगीत, नृत्य, ललित कला, नाटक और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्टता का कारखाना है। नैक द्वारा मान्यता प्राप्त और आईएसओ 9001:2015 प्रमाणित यह संस्थान, भारतीय कलाओं को विश्व मंच पर मजबूत स्तम्भ की भाँति प्रस्तुत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस एम.ओ.यू. के तहत, दोनों विश्वविद्यालयों के द्वारा नए शोध एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत से न केवल वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य में बल्कि भविष्य की पीढिय़ों में भी भारतीय कला का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित होगा।


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