खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 28 अप्रैल। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. लवली शर्मा ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एवं इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘प्रतिरोध की स्वदेशी आवाजें उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की जनजातियों का योगदान’ के ई-ब्रोशर का अनावरण किया।
संगोष्ठी का आयोजन अंग्रेजी विभाग द्वारा अगस्त 2025 में प्रस्तावित है। जनजातीय गौरव संगोष्ठी के लिए डॉ. कौस्तुभ रंजन के प्रस्ताव को ढ्ढष्टस्स्क्र द्वारा स्वीकृत प्राप्त हुई है । यह संगोष्ठी आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही है। ब्रोशर लॉन्च के दौरान माननीय कुलपति प्रो. शर्मा ने कहा कि ढ्ढष्टस्स्क्र से अनुदान स्वीकृत होना विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है जिसके लिए डॉ. रंजन बधाई के पात्र हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति में जनजातियों के योगदान और जनजातीय अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाला। कुलपति ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए डॉ. कौस्तुभ रंजन और उनकी पूरी टीम को अपना समर्थन और शुभकामनाएं दीं। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. रंजन ने बताया कि शिक्षक एवम् शोधार्थि सम्मेलन के लिए पंजीकरण और 10 जून 2025 तक शोधपत्र प्रेषित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, हम मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों से महत्वपूर्ण भागीदारी की उम्मीद करते हैं। यह कार्यक्रम कला संकाय के भाषा प्रयोगशाला में हुआ और कार्यक्रम में डॉ. कौस्तुभ रंजन, प्रो. मृदुला शुक्ला, प्रो. राजन यादव, डॉ. देवमाइत मिंज, डॉ. पूर्णिमा केलकर, डॉ. मंगलानंद झा, डॉ. जे मोहन, डॉ. मुज्जफर हुसैन, शोधार्थी और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


