खैरागढ़-छुईखदान-गंडई
छात्रा से छेड़छाड़ का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 3 अप्रैल। छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के थिएटर विभाग के अध्यक्ष एवं लोक संगीत संकाय के अधिष्ठाता डॉ. योगेंद्र चौबे को स्पेशल कोर्ट राजनांदगांव में पेश किया गया था, जहां से उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए उन्हें जेल भेज दिया गया है।
खैरागढ़ थाने में डॉ. चौबे के खिलाफ आईपीसी के विभिन्न धाराओं और एससी एसटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं इनमें आईपीसी धारा 354, 354 (क) 354 (ख) 509 ,506 और एससी, एसटी एक्ट की धारा 3(2)(1)(द्म) के शामिल है।
बताया गया कि मान सिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय में भी योगेंद्र चौबे अपने कार्यकाल के दौरान विवादित रहे हैं। डॉक्टर चौबे मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थे, जहां भी इनकी मनमानी को लेकर तत्कालीन कुलपति से नहीं बना और वापस अपने लोअर पद सहायक अध्यापक पर फिर से खैरागढ़ विश्वविद्यालय में ज्वाइन किया।
जानकारी अनुसार मान सिंह तोमर विश्वविद्यालय में अपने कार्यकाल के दौरान बिना अनुमति लिए विद्यार्थियों को लेकर प्रोग्राम देने गए थे जहां लौटते वक्त सडक़ दुर्घटना हो गई थी। इस घटना से कुलपति काफी नाराज थे जिसके कारण ग्वालियर विश्वविद्यालय में डॉक्टर चौबे का एसोसियेट प्रोफेसर के पद पर स्थाईकरण नहीं हो पाया और उन्हें त्यागपत्र देकर खैरागढ़ लौटना पड़ा।
विश्वविद्यालय ने किया निलंबित
डॉ. योगेंद्र चौबे के लडक़ी से छेड़छाड़ का मामला प्रकाश में आने के बाद से ही उनके निलंबन की मांग उठ रही थी। विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रेम कुमार पटेल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यदि कोई आरोपी 48 घंटे से अधिक न्यायिक हिरासत में रहता है तो नियमानुसार उसे स्वत निलंबित माना जाएगा। निर्धारित समय सीमा समाप्त होते ही विश्वविद्यालय के कुलपति सत्यनारायण राठौर ने योगेंद्र चौबे के निलंबन का आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।


