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स्वयं के प्रति ईमानदारी ही सफलता की कुंजी-एडीजे कश्यप
07-Feb-2025 2:40 PM
स्वयं के प्रति ईमानदारी ही सफलता की कुंजी-एडीजे कश्यप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 7 फरवरी। अध्यक्ष सुषमा सावंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के निर्देशानुसार तालुक विधिक सेवा समिति खैरागढ़ द्वारा ग्राम कटंगी कला में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर आयोजित की गई।

शिविर में ग्राम कटंगी कला के ग्रामीणों व छात्रों द्वारा कानून के विभिन्न प्रावधानों को लेकर जानकारी प्राप्त की गई। डाइट खैरागढ़ एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मंदराकोही द्वारा आयोजित एनएसएस कैंप के बौद्धिक सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुडक़र अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप द्वारा शिविर में ग्रामीणों को न्याय प्रक्रिया में आ रही मुश्किलों और प्रश्नों को भी सुना और उनका सामाधान बताया गया।

इस दौरान एडीजे कश्यप ने छात्रों को सफलता के संबंध में बताया कि हम सभी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और यह कठिन हो सकता है जब हम अपने लिए जो चाहते हैं उसे हासिल करने में हमें दूसरों की मदद नहीं मिलती है- खासकर जब बात हमारे करियर की आती है। यही कारण है कि स्वयं के साथ ईमानदारी इतनी महत्वपूर्ण है, केवल आप ही जानते हैं कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है, और अपने विचारों और भावनाओं के बारे में खुद को सच्चाई बताकर, आप उस पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो वास्तव में मायने रखता है।

 आगे श्री कश्यप ने कहा कि बच्चे भगवान का रूप माने जाते है। बच्चों का बाल मन शारीरिक एवं मानसिक रूप से अपरिपक्व होता है ऐसे में वे अपने साथ होने वाली अच्छी या बुरी घटनाओं को बेहतर तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते। समाज में आपराधिक प्रवृत्ति के कुछ लोग बच्चों के इसी बालपन का फायदा उठाते है एवं बच्चों के साथ यौन-शोषण जैसे कुकृत्यों को अंजाम देते है।

मासूम बच्चे इन सभी चीजों के बारे में खुलकर नहीं बता पाते परन्तु इन घटनाओ का बच्चों के बाल मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है एवं वे अपने जीवन भर इन सभी चीजों से बाहर नहीं आ पाते। सरकार द्वारा बच्चों के प्रति होने वाले बाल यौन-अपराधों पर अंकुश लगाने एवं अपराधियों को कड़ी सजा देने के लिए पॉक्सो अधिनियम लागू किया गया है।

पॉक्सो एक्ट के तहत बच्चों के विरुद्ध यौन अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। 18 वर्ष से कम उम्र के बालक व बालिकाओं का सहमति का औचित्य नहीं होता। बाल पीडि़तों व अभियुक्तों के संबंध में तटस्थ कानून है।

मोटर यान अधिनियम के संबंध में बताया कि जिस कैटेगरी की वाहन होता है उसी केटेगरी का लाइसेंस होना अनिवार्य है साथ ही गाड़ी में बीमा का होना अनिवार्य है ताकि कोई भी एक्सीडेंट होने पर उसकी क्षतिपूर्ति राशि बीमा कंपनी के द्वारा दिया जाता है। चोरी के संबंध में कहा गया कि गलत मंशा से किसी भी चीज को उसके स्थान से हटाना चोरी होता है।

 वीसी से जुडक़र व्यवहार न्यायाधीश गुरु प्रसाद देवांगन ने कहा कि यदि कहीं कोई समस्या है तो उसका समाधान होता है।

आवश्यकता इस बात की है कि उसकी जानकारी हमें होनी चाहिए। अगर लोगों को अपने अधिकारों की जानकारी होगी तो उसका लाभ अवश्य उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कानूनी जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रत्येक जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और प्रत्येक तहसील में तहसील विधिक सेवा प्राधिकरण स्थापित है। जिनका लाभ लोगों द्वारा उठाया जा सकता है। जमीन के बंटवारे को समय पर नहीं करवाने से मुकदमों का सहारा लेते हैं. बंटवारा करवाने से जमीन के मालिकों के बीच उनके हिस्से के बारे में पता चल जाता है, जिससे लोगों को न्यायालय तक पहुंचने की नौबत नहीं आती है।

तत्पश्चात पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू ने नि:शुल्क विधिक सहायता, नालसा टोल फ्री नंबर 15100, महिला हेल्पलाइन नंबर 181, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 आदि के संबंध में बताया गया।

कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना कृष्ण कुमार वर्मा, महेश कुमार साहू, सरपंच तुलाराम साहू,पैरा लीगल वालंटियर गोलूदास साहू व बड़ी संख्या में छात्र व ग्रामीण उपस्थित रहे।


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