खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 30 जनवरी। सेवाभावी संस्था शांतिदूत के बैनर तले इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में बोर्ड परीक्षा एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के प्रोत्साहन (मोटिवेशनल) के लिये गरिमामयी समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केसीजी कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता केसीजी एसपी त्रिलोक बंसल ने की वहीं अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में खैरागढ़ डीएफओ आलोक तिवारी, जिला पंचायत केसाजी के सीईओ व प्रभारी कुलसचिव प्रेम कुमार पटेल व विशिष्ट अतिथि के रूप में खैरागढ़ एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू व केसीजी डीईओ लालजी द्विवेदी उपस्थित रहे। आयोजन में मुख्य विषयवक्ता के रूप में डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र के पौत्र व रिटायर्ड डीएसपी प्रदीप कुमार मिश्र व दिग्विजय महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक राजेन्द्र प्रसाद दीक्षित विशेषतौर पर छात्रों के उत्साहवर्धन के लिये उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने बच्चों को अपनी जीवनी और छात्र जीवन के संघर्ष से परिचय कराते हुये कहा कि अविभाजित छ.ग. में म.प्र. के ओडिशा बॉर्डर स्थित एक छोटे से गांव में उनका जन्म हुआ और वहीं उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा हुई। पिता पुलिस विभाग में थे और उनके स्थानांतरण के कारण अलग-अलग जगहों पर उनको रहना पड़ा। यह उस दौर की बात है जब हमारे जीवन में संसाधन सीमित थे और मल्टीमीडिया का जमाना नहीं था। फोटोकॉपी मशीन आने पर दूर-दूर तक लोग इसे देखने जाते थे। अखबार भी गांव में दो दिन बाद पहुंचता था। उन्होंने छात्रों को संबोधन में विशेष तौर पर नवभारत अखबार का जिक्र किया और प्रतिदिन अखबार पढने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि 1999 में उनका दाखिला हिंदू हाईस्कूल रायपुर में हुआ और पूरी तरह से यह अध्ययन के लिए संघर्ष काल था। कलेक्टर श्री वर्मा ने आगे बताया कि मां ने बचपन में उनकी पढ़ाई में विशेष ध्यान दिया, पढऩे में रूचि और आज आगे बढऩे की ललक ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। कक्षा 10वीं से ही आईएएस बनने का संकल्प लिया और आज सफल हुय हैें। उन्होंने छात्रों को बताया कि सफलता के लिये जिज्ञासु बने रहें और ईमानदारी से सतत् अपनी पढ़ाई करते रहे। खुद की मेहनत से ही सफलता मिलती है। अपने प्रेरक उद्बोधन में उन्होंने कहा कि आज कल बच्चे परीक्षा से पहले केवल 15-20 दिन ही मन लगाकर पढ़ाई करते हैं लेकिन हम स्कूल के बाद सालभर 1-2 घंटे भी मन लगाकर घर में पढ़ें तो बड़ी सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने विद्यार्थियों से वादा किया कि वे उनकी पढ़ाई और व्यवस्था देखने उनके स्कूल आयेंगे। कलेक्टर ने छात्रों से ऐसे प्रोत्साहक कार्यक्रम में शामिल होकर लाभ उठाने की अपील की।
सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं होता- एसपी
एसपी त्रिलोक बंसल ने छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि सफलता के लिये कोई शॉर्टकट नहीं होता, हम जितनी मेहनत करेंगे उतनी ही सफलता मिलेगी। श्री बंसल ने आगे कहा कि आधुनिक परिवेश में अंग्रेजी की जानकारी रखना अच्छी बात है लेकिन अपनी मातृभाषा में भी पकड़ बनाये रखें। उन्होंने बताया कि 12वीं तक उन्होंने स्वयं हिन्दी माध्यम में ही पढ़ाई की है और यह धारणा गलत है कि हिन्दी माध्यम वाले अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते। एसपी श्री बंसल ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी से शांतिदूत के निबंध प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया था परंतु कुछ कारणवश वह परीक्षा नहीं दिला पायी। उन्होंने उपस्थित अतिथियों से कहा कि आप जैसे साहित्य सुधियों के कारण ऐसे जीवंत आयोजन आज भी हो पा रहे हैं। इतनी संख्या में छात्रों ने भाग लिया यह खुशी की बात है।
हम सफल लोगों के प्रेरक प्रसंगों से बहुत कुछ सीख सकते हैं- कुलसचिव
खैरागढ़ विश्वविद्यालय के कुलसचिव व जिला पंचायत सीईओ प्रेम कुमार पटेल ने अपने उद्बोधन में छात्रों को प्रेरित करते हुये कहा कि यह आयोजन शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को प्रोत्साहित और सम्मानित करने के लिये है जिससे छात्रों को न केवल निहित सफलता में सहायता मिलेगी बल्कि अध्ययन की दिशा में भी उनकी निरंतरता बनी रहेगी। उन्होंने छात्रों के बेहतर भविष्य के लिये मार्गदर्शन देते हुए विद्यार्थियों से कहा कि आप यहां उपस्थित प्रत्येक अतिथिगणों से प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढऩे की अनमोल शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को याद करते हुए उन्होंने कहा कि हम सफल लोगों के प्रेरक प्रसंगों से बहुत कुछ सीख सकते हैं। फलसफा यही है कि मेहनत करें सफलता जरूर मिलेगी।
असफल होने पर निराश न हों और सफल होने के लिये परिश्रम करें- डीएफओ
खैरागढ़ वनमंडलाधिकारी आलोक तिवारी ने छात्रों के लिये अपने उद्बोधन में कहा कि मैं वन विभाग का अधिकारी हूं लेकिन साहित्य और अध्ययन में आज भी मेरी रूचि बनी हुई है। पढऩे वाला संसार में सदैव सुशोभित होता है। उन्होंने मंच से बख्शीजी, मिश्र जी व मुक्तिबोध को याद करते हुए कहा कि उनके कारण आज छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरा भारत देश सुशोभित हो रहा है। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुये कहा कि हम देखते हैं कि असफल होने वाले कुछ बच्चें या कुछ कम नंबर मिलने पर आत्महत्या कर लेते हैं, यह बहुत गलत बात है। हमें सफलता के लिये और अधिक परिश्रम कर धैर्य रखना चाहिये। उन्होंने बताया कि उनकी पढ़ाई शुरू से आखिरी तक सरकारी स्कूल में हुई है। मेरे भी कई कक्षा में कम अंक आये हैं लेकिन मैं कभी निराश नहीं हुआ और मेहनत करते रहा और इसके बाद मैंने एमएससी बॉटनी में गोल्ड मेडल प्राप्त किया और रेंज अफसर चयन परीक्षा व आईएफएस की बहुप्रतिक्षित परीक्षा में मैंने टॉप किया। उन्होंने छात्रों को मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिये खेल में भी प्रतिभागी बनने की सलाह दी और कहा कि खेल ऐसा हो कि रोज पसीना निकल सके। शांतिदूत के आयोजन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन व जीवंत संवाद होते रहना चाहिये।
सफलता का आकांक्षी छात्र हर शब्द के पीछे तर्क ढूंढ लेता है- एसडीएम
खैरागढ़ एसडीएम टंकेश्वर प्रसाद साहू ने कहा कि सफलता का आकांक्षी छात्र हर शब्द के पीछे तर्क ढूंढ लेता है। छात्रों के बीच मोबाईल को लेकर तरह-तरह की धारणाओं को लेकर उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि मोबाईल आने के बाद युवा बिगड़ रहे हैं। मोबाईल एक ऐसे कल्पवृक्ष की तरह है जिससे हम जैसी कामना रखते हैं वह हमें वैसा ही दिखाता है। स्वयं के जीवन संघर्षों का उदाहरण देते हुये श्री साहू ने कहा कि हर सफल व्यक्ति लगन और मेहनत से बुलंदियों पर पहुंचता है, अगर बड़ा बनना है तो पहले संघर्ष की चक्की में पीसना पड़ेगा फिर जलना और तपना पड़ेगा। उन्होंने छात्रों को सकारात्मक रहकर निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिये अपनी मौलिक कविता के माध्यम से प्रेरणा दी।
छोटे-छोटे कदमों से ही बड़ी मंजिल की दिशा तय होती है- डीईओ
स्मारोह में छात्रों को प्रेरक उद्बोधन देते हुए जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी ने कहा कि छोटे-छोटे कदमों से ही बड़ी मंजिल की दशा व दिशा तय होती है। शांतिदूत के आयोजन की प्रशंसा करते हुये उन्होंने छात्रों को कहा कि जीवन में कोई भी प्रसंग आये कभी निराश नहीं होना चाहिये। उन्होंने जयशंकर प्रसाद की कविता उद्धृत करते हुये कहा कि हम जैसा सोचते हैं वैसा ही हमारे साथ होता है, इसलिये जीवन में हमेशा सकारात्मक बने रहे।
अपने पूर्वजों से प्रेरणा लेकर
आगे बढ़ सकते हैं छात्र-मिश्र
समारोह में मुख्य विषय वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र के पौत्र व रिटायर्ड डीएसपी प्रदीप मिश्र ने कहा कि छात्र अपने पूर्वजों से प्रेरणा लेकर निरंतर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र के जीवनवृत्त को सामने रखते हुये छात्रों को बताया कि उन्होंने शिक्षा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बनाया। पूरा जीवन विद्यार्थियों के लिए समर्पित कर दिया। उनके प्रयास से ही रायपुर, बिलासपुर सहित अविभाजित मध्यप्रदेश के कई स्थानों में स्कूल व कॉलेज की स्थापना हुई। वे विलक्षण प्रतिभा के धनी थे और खैरागढ़ विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। उनका खैरागढ़ से सदैव आत्मीय लगाव रहा है।
कोई भी विद्यार्थी अपने आपको
छोटा न समझे- दीक्षित
प्रोत्साहन कार्यक्रम में मुख्य विषय वक्ता के रूप में उपस्थित दिग्विजय महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक व डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र के दामाद राजेन्द्र प्रसाद दीक्षित ने अपने प्रेरक उद्बोधन से समारोह में छात्र-श्रोताओं को देर तक बांधे रखा।
अपने जीवन संघर्ष की जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि छात्र जीवन के कठिन दिनों में उन्होंने अपने छोटे भाई के साथ आगे बढऩे की प्रेरणाओं को कभी मरने नहीं दिया। हर विपरीत परिस्थिति में वे शिक्षा के क्षेत्र में प्रयास करते रहे और कभी डॉक्टर व इंजीनियर बनने का सपना लेकर आगे बढ़े तो वे स्वयं शिक्षक बने और उनके छोटे भाई कुलपति बनकर सेवानिवृत्त हुये। उन्होंने छात्रों को कभी भी खुद को छोटा नहीं समझने की बात कही और कहा कि जब बड़ा और बेहतर सोचते हैं तो सफलता उसके आसपास जरूर पहुंचती है। समारोह का सफल संचालन शांतिदूत संस्था के संयोजक अनुराग शांति तुरे व आभार संस्था के वरिष्ठ शमशुल होदा खान ने किया। समारोह में जिलेभर के 1000 से अधिक चुनिंदा छात्र-छात्राएं शामिल हुए और अतिथियों से उन्होंने सफल होने के लिये महत्वपूर्ण जानकारी अर्जित की। छात्रहित में समारोह का यूट्यूब पर लाईव प्रसारण भी किया गया जिसे लगातार विद्यार्थियों द्वारा देखा जा रहा है।