खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

आम लोगों के लिए खुला रहेगा विवि का राधाकृष्ण मंदिर
16-Jun-2025 4:06 PM
आम लोगों के लिए खुला रहेगा विवि का राधाकृष्ण मंदिर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

खैरागढ़, 16 जून। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय  परिसर में स्थित राधा कृष्ण मंदिर विश्वविद्यालय की शान है। विश्वविद्यालय का राधा कृष्ण मंदिर आम लोगों के लिए खुला रहेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि मंदिर सभी के लिए दर्शन के लिए उपलब्ध होगा।

ज्ञात हो कि इस मंदिर का निर्माण खैरागढ़ रियासत के राजा वीरेंद्र बहादुर सिंह एवं रानी पद्मावती देवी सिंह ने 1938 में किया था। राजमहल को शासन को हस्तांतरण करने के पूर्व राज परिवार ही इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे। विशेष कर  स्वर्गीय राजकुमारी उषा देवी सिंह को विशेष लगाव था।

1956 में विश्वविद्यालय के निर्माण हेतु राजमहल को दान में देते समय इस मंदिर की पूजा-अर्चना हेतु राजपुरोहित एवं दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी के वंशज को पूजा हेतु नियुक्त किया गया है। राजपुरोहित के परिवार द्वारा प्रतिदिन 1956 के बाद से लेकर आज तक पूजा-अर्चना की जाती है।

राज परिवार के सदस्यों  का जब भी खैरागढ़ आगमन होता है तो राधा कृष्ण मंदिर के दर्शन हेतु अवश्य जाते थे। राजकुमारी उषा देवी जब भोपाल में निवास करती थीं तो खैरागढ़ आने पर राधा कृष्ण मंदिर में उपस्थित होकर स्वयं पूजा अर्चना करते थीं। राज परिवार का निजी मंदिर होने के कारण ही इसे भीतर मंदिर कहा जाता है। मंदिर के नाम पट्टिका पर भी इसे भीतर मंदिर के नाम से संबोधित किया गया है।

उषा देवी सिंह की राधा कृष्ण के प्रति इतनी गहरी आस्था थी कि जब अस्वस्थ्य होने के कारण उनके नेत्र की रोशनी चली गई थी, तब भी वह मंदिर की सीढिय़ों से लेकर किस दिशा में कौन सी प्रतिमा स्थापित है, उनका भली भांति भान होता था । राधा कृष्ण की भाव भक्ति में इतने भाव विभोर हो जाती थी कि उनकी आंखों से आंसुओं की अविरल धारा बहने लगती थी।

इस मंदिर में पुजारी के द्वारा पूजा करने के उपरांत मंदिर को बंद कर दिया जाता था, क्योंकि सन 1980 के आसपास इस मंदिर में भगवान के चांदी के मुकुट, चांदी के नाग, चांदी के जेवर आदि चोरी हो गया था, जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर राधा कृष्ण के सामने वाले झरोखा को भी बंद कर दिया गया था। इस मंदिर में आज भी नियुक्त पुजारी द्वारा नियमित रूप से पूजा की जाती है।

 

पूर्व कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार कर रंग रोगन किया था तथा प्रवेश द्वार पर राधा कृष्ण की आकर्षक पेंटिंग बनवाई गई थी।

कई ख्याति लब्ध कलाकार व यहां आने वाले विजिटिंग प्रोफेसर भी इस मंदिर को देखकर अत्यंत तारीफ करते थे।  विश्वविद्यालय में आने वाले कई राज्यपाल जैसे आनंदीबेन पटेल, अनुसुइया उइके आदि भी इस मंदिर के दर्शन कर चुके हैं। कृष्ण जन्माष्टमी पर्व भी मनाया जाता है। पूर्व कुलपति ममता चंद्राकर के समय मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व अत्यंत धूमधाम से मनाया गया था।  वर्तमान कुलपति प्रोफेसर डॉ. लवली शर्मा द्वारा आम लोगों के दर्शनार्थ इस मंदिर को प्रात: 7 से दोपहर 12 बजे तक तथा दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक खोले जाने का आदेश दिया गया है। यह राधा कृष्ण मंदिर राज परिवार के आस्था का मुख्य केंद्र है।


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