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विधानसभा में गूंजेगा खैरागढ़ भ्रष्टाचार का मामला
07-Dec-2024 2:05 PM
विधानसभा में गूंजेगा खैरागढ़ भ्रष्टाचार का मामला

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 7 दिसंबर।
लगातार सुर्खियों में रहे नगर पालिका परिषद खैरागढ़ के भ्रष्टाचार का मामला अब विधानसभा तक पहुंच चुका है। भौतिक निरीक्षण विभागीय जांच के संबंध में नगरी प्रशासन सचिव को शिकायत बाद स्वच्छता श्रृंगार योजना से जुड़ा सवाल अब विधानसभा में गूंजेगा।

खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने नगर पालिका में स्वच्छता श्रृंगार योजना तहत 2022 से नवंबर 2024 तक जारी की गई राशि खर्च का विवरण ते कार्य कर एजेंसी का नाम पता शर्ट और साफ सफाई से लेकर नगर पालिका को मिली शिकायतें और उसके निवारण की जानकारी मांगी है। इन सभी मामलों को लेकर जवाब देने में नगर पालिका के माथे पर बल पड़ गया है क्योंकि भौतिक निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने विधायक यशोदा वर्मा को गोल-गोल जवाब देकर भ्रमित करने का प्रयास किया जबकि हकीकत कुछ और बयां करती है। 

योजना अनुसार जारी 29 अगस्त 2018 को जारी निर्धारित 18 बिंदुओं वाले शब्दों में स्पष्ट लिखा हुआ है कि सार्वजनिक शौचायलयों का संचालन व संधारण करने वाली एजेंसी को प्रत्येक शौचालय में केयरटेकर और दो शौचालयों के पीछे एक सफाई कर्मी रखना आवश्यक है दिन में दो बार सफाई के बाद भी आवश्यकता पडऩे पर और सफाई करना होगा। लेकिन संबंधितों के द्वारा इन अनुबंधों का खुलकर माखौल उड़ाया गया है। शहर के विभिन्न वार्डों के 19 सार्वजनिक शौचालय में योजना इसकी साफ सफाई सहित अन्य व्यवस्था के लिए शोभा वेलफेयर सोसाइटी भिलाई को 10 और प्रमोदय विकास संस्थान धमतरी को 9 फरवरी 2020 में ठेका दिया गया था, लेकिन निर्धारित अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने के कारण पीआईसी की बैठक में जनवरी 21 को प्रमोदय का अनुबंध निरस्त कर उसके हिस्से के 9 शौचायलयों का काम शोभा वेलफेयर को दिया गया उसे समय यह बताया गया कि शोभा वेलफेयर के कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए निर्णय लिया गया लेकिन अब शौचालय संचालक को लेकर सुबह वेलफेयर सोसाइटी की कलई खुल रही है। योजना के तहत मिले पैसों के बंदर बाट की शिकायत भी आम हो रही है। 

सार्वजनिक शौचायलयों का रोग प्रयोग करने वाले लोगों का भी कहना है कि किसी भी शौचालय में केयरटेकर नहीं है नगर पालिका का अमला सुबह सफाई करता है वही शौचायलयों की विभिन्न उपकरण टूटे-फूटे हैं। दरवाजे में कुंडी नहीं है और बिजली का बटन बल्ब तक सही सलामत नहीं है, उसके बाद भी हर महीने नगर पालिका ठेका एजेंसी को 1 लाख 81 हजार से ऊपर का भुगतान कर रही है। रोज साफ सफाई में काम आने वाली मटेरियल, एलईडी बल्ब, दरवाजे की कुंडी तक की व्यवस्था ठेका एजेंसी को करनी है इसके लिए अलग से राशि की उपलब्धता नहीं है, लेकिन सीएमओ का कहना है कि ठेकेदार का काम सिर्फ साफ सफाई करना है शौचायलयों के रखरखाव और सामान की जिम्मेदारी नगर पालिका की है जबकि दैनंदिन मरम्मत और संधारण के लिए एजेंसी से अनुबंध है। 

क्षेत्रीय विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा का कहना है कि पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन की नगर पालिका के अधिकारी जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। बदहाल व्यवस्था होने के बावजूद अपना कमीशन सेट करने ठेका एजेंसी को लाखों रूपों का भुगतान करते आ रहे हैं। विधानसभा में नगर पालिका प्रशासन को इसका जवाब देना होगा।


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