खैरागढ़-छुईखदान-गंडई

सफाई काम हुआ नहीं और भुगतान हो गया
जांच कर तत्काल कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
खैरागढ़, 30 नवंबर। शासकीय राशि के बंदरबाट का अड्डा बन चुका नगर पालिका परिषद एक बार फिर विवादों के घेरे में है। इस बार स्वच्छता श्रृंगार योजना में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। योजना हित सार्वजनिक शौचालय की नियमित सफाई और देख रेख के लिए 10.93 लाख रुपए आवंटित किया गया था लेकिन शौचालय की बदतर स्थिति इस बात की गवाही दे रही है कि सफाई के नाम पर केवल कागजों में ही काम हुआ है। नगर पालिका से स्वच्छता श्रृंगार योजना की गड़बड़ी का मामला मंत्रालय तक पहुंच गया है। खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की विधायक यशोदा नीलांबर वर्मा ने खुद नगरीय प्रशासन सचिव को शिकायत के मामले में जांच कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
विधायक वर्मा ने विभागीय सचिव को दिए शिकायत पत्र में स्वच्छता श्रृंगार योजना सहित नगर पालिका अधिकारी के खिलाफ भी गलत तरीके से चेक काट कर व्यापक गड़बड़ी कर शासन को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है। नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को सौंपे पत्र में विधायक नीलांबर वर्मा ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका में विभिन्न योजनाओं की राशि का गलत उपयोग कर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने का कार्य बदस्तूर जारी है।
स्वच्छता श्रृंगार योजना में बिना कार्य के ही ठेकेदार शोभा वेलफेयर भिलाई को अब तक किए गए भुगतान की जानकारी देते हुए विधायक ने बताया कि योजना के तहत संबंधित फर्म द्वारा एक बार भी शहर के किसी शौचालय की सफाई आज तक नहीं कराई गई है। विधायक ने आगे बताया कि कमीशन के चक्कर में राशि जारी कर दी गई। शौचालय की सफाई नगर पालिका के सफाई कर्मी ही लगातार कर रहे हैं इसके बाद कमीशन के चक्कर में संबंधित फर्म्स को एकमुश्त भुगतान कर योजना की राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। शौचालयों की नियमित साफ सफाई नहीं हो रही है। सफाई कर्मी ही स्वच्छता अभियान के तहत सफाई का कार्य कर रहे हैं। शौचालय की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। सीटे टूटी है, टाइल्स उखड़ चुके हैं इसके बाद भी नगर पालिका अधिकारियों द्वारा स्वच्छता श्रृंगार योजना में लाखों का भुगतान किया जा रहा है। इसके साथ ही विधायक ने सीएमओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि शौचालय में हो रही गड़बड़ी को छिपाने टेंडर भी आनन फानन में पालिका द्वारा जारी कर दिया गया है। पालिका में स्टेशनरी,छपाई काम और जिम खरीदी में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते विधायक ने विभाग के सचिव को टेंडर कार्य से लेकर भुगतान तक की पूरी कार्रवाई की जांच करने की मांग करते हुए कहा कि इसमें भी नियमों का पालन नहीं किया गया है।
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने कहा है कि तत्कालीन सीएमओ कुलदीप झा और अध्यक्ष शैलेंद्र वर्मा दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान किया गया है शिकायत के बाद सीएमओ को निलंबित किया गया लेकिन अध्यक्ष ने भाजपा में शामिल होकर जांच को रुकवा दिया है। भाजपा नगर पालिका को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाने और सभी जांचों को दबाने का काम कर रही है। कांग्रेस इस मुद्दे पर विरोध और प्रदर्शन करेगी।
पूरे मामले को लेकर मुख्य नगरपालिका अधिकारी प्रमोद शुक्ला का कहना है कि अनियमितता और अन्य मामले की जानकारी मिलने के बाद ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है। अन्य आरोपी को भी जांच चल रही है।